घर की किस दिशा में लगाना चाहिए शीशा? मान लिए वास्तु के ये नियम तो दिन-दूनी, रात-चौगुनी मिलेगी तरक्की

Vastu For Mirror: वास्तु के अनुसार सही दिशा में लगा आईना यानी शीशा लगने से आपकी किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं, वहीं अगर इसे गलत दिशा में लगाया गया तो घर में कंगाली आती है। आइये शीशे से जुड़े वास्तु के कुछ अहम नियम को जानते हैं।

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शीशे का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?

जीवन में वास्तु शास्त्र का बेहद महत्व होता है। इसके मुताबिक घर मौजूद हर वस्तु में एक ऊर्जा होती है जिसका असर घर में रहने वाले सदस्यों पर पड़ता है, इसलिए घर में रखी हर चीज वास्तु के हिसाब से सही दिशा, आकार और सही रंग की ही होनी चाहिए। घर में दर्पण यानी शीशा लगााते समय भी वास्तु के कुछ नियमों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।

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इस दिशा में न लगाएं शीशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार शीशे को कभी भी पश्चिम या दक्षिण दिशा की दीवार पर नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में कलेश बढ़ता है।

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​​टूटा-फूटा,नुकीला, धुंधला या गंदा ​

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​ बेडरूम में शीशा​

सबसे बड़ी बात, बेडरूम में कभी भी शीशा नहीं लगाना चाहिए। माना जाता है कि कभी भी शीशे में बिस्तर का प्रतिबिंब नहीं दिखना चाहिए। अगर शीशा लगाते भी हैं तो उसके ऊपर हल्का पर्दा लगा दें।

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किचन में शीशा

वास्तु के अनुसार कभी भी घर के किचन में शीशा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा घर के सदस्यों की सेहत को खराब करती है।

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​बाथरूम मिरर​

बात करें बाथरूम में लगे शीशे की तो बाथरूम में इसे पूर्व या उत्तर दिशा की दीवारों पर लगाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और स्वास्थ बेहतर रहता है।

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मुख्य द्वार पर आईना

वास्तु के अनुसार अगर आप घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश चाहते हैं तो कभी भी शीशे को मुख्य द्वार पर नहीं लगाएं। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है और तरक्की रूक जाती है।

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ये है सही दिशा

शीशा लगाने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है। उत्तर दिशा धन के देवता भगवान कुबेर का केंद्र है, इसलिए इस दिशा में शीशा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।