Importance of Ulta Swastik: जानिए कब और क्यों बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक, पढ़िए इसके लाभ और महत्व

Importance of Ulta Swastik (उल्टे स्वास्तिक का महत्व): स्वास्तिक भारतीय संस्कृति में बहुत ही शुभ माना जाता है। ये एक प्रकार की आकृति है जिसे मांगलिक कार्यों के दौरान बनाया जाता है। सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। लेकिन क्या आपने उल्टे ​स्वास्तिक के बारे में सुना है? आज हम आपको उल्टे स्वास्तिक का महत्व बताएंगे।

स्वास्तिक का महत्व
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स्वास्तिक का महत्‍व

स्वास्तिक एक प्राचीन चिन्ह है जो शुभता का प्रतिनिधित्व करता है। ये भारत में धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा, और तंत्र-मंत्र की साधना में विशेष महत्व रखता है। स्वास्तिक का चिन्ह जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है।

चार पुरुषार्थ
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चार पुरुषार्थ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्वास्तिक चार पुरुषार्थ यानी कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। पुरुषार्थ मनुष्य जीवन के लक्ष्यों का प्रतीक होता है, जिसे मनुष्य अर्जित करता है। ये पूजा स्थलों के अलावा नई वस्तुओं पर भी बनाया जाता है।

उल्टे स्वास्तिक की मान्यता
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उल्टे स्वास्तिक की मान्यता

हिंदू धर्म की इन्हीं मान्यताओं में उल्टे स्वास्तिक से जुड़ी हुई भी मान्यताएं हैं। उल्टे स्वास्तिक का प्रयोग विशेष अवसरों या कठिन परिस्थितियों में जातकों के द्वारा किया जाता है और इसे लेकर सकारात्मक प्रभाव भी देखे गए हैं।

क्या होता है उल्टा स्वास्तिक
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क्‍या होता है उल्टा स्वास्तिक

उल्टा स्वास्तिक बनाने की परंपरा का संबंध मनोकामनाओं की पूर्ति और प्रार्थना प्रार्थनाओं से है। इसे मनोकामना या समस्या समाधान के लिए व्यक्ति द्वारा किसी तीर्थ स्थल, मंदिर और अन्य किसी दैवी स्थान पर बनाया जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को दूर क‍िया जा सकता है।

कठिनाइयों से मुक्ति
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कठिनाइयों से मुक्ति

उल्टा स्वास्तिक विशेषकर तब बनाया जाता है जब व्यक्ति किसी कठिनाई से जूझ रहा होता है। जब कोई व्यक्ति अपनी मनोकामना पूर्ण होने के बाद फिर से उसी स्थान पर जाकर सीधा स्वास्तिक बनाता है तो ये देवी-देवताओं का आभार व्यक्त करना माना जाता है।

घर में उल्टा स्वास्तिक
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घर में उल्टा स्वास्तिक

घर में उल्टा स्वास्तिक बनाने से पूजा का फल नहीं मिलता है और इसे अशुभ माना जाता है। घर में स्वास्तिक को हमेशा साफ और सटीक बनाना चाहिए। उल्टा स्वास्तिक केवल उन स्थानों पर बनाया जाता है जहां की धार्मिक मान्यता होती है जैसे कि मंदिर या प्राचीन तीर्थ स्थल।

सुख और समृद्धि के लिए
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सुख और समृद्धि के लिए

स्वास्तिक को जब भी बनाए तो इसे घर-संसार की सुख और समृद्धि की कामना से बनाए। स्वास्तिक का मुख्य उद्देश्य नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाकर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का होता है। स्वास्तिक से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति भी होती है।

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