शरीर के किस अंग में बांधना चाहिए काला धाग, जानिए ज्योतिष नियम

फैशन की इस दौर लोग हर एक चीज को पहनते या ओढ़ते है। आजकल हर व्यक्ति अपने पैरों में काला धागा बांधता है ताकि वह नज़र या शनि के प्रकोप से बचे लेकिन क्या ऐसा करना सही है या नहीं ?चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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सनातन धर्म

सनातन धर्म में शनि देव कर्म फल के देवता हैं। मनुष्य जैसे कर्म करता हैं उसे उसके वैसे ही फल मिलते हैं। मनुष्य के किये गए कर्म ही निर्धारित करते है कि उसका जीवन कैसा होगा। रंगों का भी हमारे जीवन में बहुत महत्व है। कहते है की काला रंग शनि देव को समर्पित है इसी नाते बहुत से लोग पैरों में या शरीर के विभिन्न अंगों में काला धागा बांधते है। आज के परिवेश लोग देखा-देखी ही अपने पैरों में काला धागा बांध ले रहें है। लेकिन क्या सच में काले धागे से शनि का प्रकोप कम होता है या नज़र लगने की संभावना कम हो जाती है ?

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शनि देव

शनि देव मनुष्य के कर्मों के हिसाब से उनको सुख-दुःख प्रदान करते हैं। काला रंग उनका प्रतीक है लेकिन काले धागा पैरों में बंधना ठीक नहीं है। काले धागे से राहू और केतु से बचाव होता और बुरी नज़र से।

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हड्डियां मजबूत होती हैं

काले धागे को कमर में पहनना सबसे अच्छा माना गया हैं। प्राचीन काल में भगवान कृष्ण भी कमर में काला धागा पहनते थे। कमर पर काला धागा पहनने से हड्डियां मजबूत होती हैं और रोग दूर होते हैं।

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रक्षा सूत्र

सनातन धर्म के अनुसार, काले धागे को रक्षा सूत्र कहा गया है। ऐसे में रक्षा सूत्र को पैरों में बांधना अशुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक उर्जाएं कम होने की बजाय और बढ़ने लगती हैं।

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न्यूमेरोलॉजी में काला धागा

ज्योतिष शास्त्र और न्यूमेरोलॉजी में काला धागा पैरों में बांधने से व्यक्ति और परेशान होता है और उसकी सफलता में बाधाएं आणि शुरू हो जाती हैं। पैरों में काला धागा पहनने से शनि का प्रकोप और बढ़ जाता हैं।

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गले में काला धागा

हाथ और गले में काला धागा पहनना भी शुभ माना जाता हैं, इससे काल (मृत्यु) निकट नहीं आती है और बुरी नज़र नहीं लगती हैं। महिलाओं को बाएं और पुरुषों को दाएं हाथ में काला धागा बांधना चाहिए।

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पैरों में काला धागा

पैरों में काला धागा बांधने वाले व्यक्ति को हमेशा मानसिक और शारीरिक तनाव घेरे रखेगा साथ ही सामाजिक तौर पर उसकी प्रतिष्ठा पर हानि भी आ सकती हैं।