Yoga Quotes in Sanskrit: योगः कर्मसु कौशलम्...योग के महत्व के बारे में बताते हैं भगवद गीता के ये संस्कृत श्लोक

Yoga Quotes in Sanskrit (योग दिवस के कोट्स इन संस्कृत): भारत में योग का इतिहास काफी पुराना है। मान्यता अनुसार योग की शुरुआत भगवान शिव से हुई थी। तभी उन्हें आदियोगी के नाम से भी जाना जाता है। योग के महत्व के बारे में वेद-पुराणों में भी बताया गया है। यहां आप जानेंगे योग के संस्कृत कोट्स भगवद गीता से जुड़े।

योग दिवस कोट्स संस्कृत में
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योग दिवस कोट्स संस्कृत में

हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों को योग के महत्व के प्रति जागरूक करना है। योग का मतलब सिर्फ शारीरिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि आंतरिक रूप से भी अपने आप को मजबूत करना है। हमारे वेद-पुराणों में भी योग के महत्व का बखान किया गया है। यहां आप जानेंगे भगवद गीता में योग के बारे में क्या लिखा है।और पढ़ें

समत्वं योग उच्यते
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समत्वं योग उच्यते

भगवद गीता में कहा गया है '​समत्वं योग उच्यते' जिसका अर्थ है समभाव ही योग है। यानी सभी स्थितियों में संतुलन और शांति बनाए रखना ही योग का सार है।

योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनंजय
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योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनंजय

भगवान कृष्ण अुर्जन से कहते हैं कि हे अर्जुन, आसक्ति त्यागकर, संतुलित रहते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करो। ये श्लोक हमें आंतरिक शांति के महत्व को बताता है जो हमें योग से ही प्राप्त हो सकती है।

ध्यानयोगेन तपसा परमात्मा सधृश्यते
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ध्यानयोगेन तपसा परमात्मा सधृश्यते

इस श्लोक का अर्थ है ध्यान और अनुशासन से, परम आत्मा का साक्षात्कार होता है। सरल शब्दों में समझें तो स्वयं के वास्तविक स्वरूप को समझने के लिए ध्यान और आत्म-अनुशासन आवश्यक है।

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि
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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि

भगवद गीता में कहा गया है कि तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं। कर्म के फल का कारण मत बनो, और अकर्म में भी आसक्ति मत रखो।

सत्त्वं चित्तस्य प्रसादकम्
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सत्त्वं चित्तस्य प्रसादकम्

भगवद गीता में कहा गया है कि मन की शुद्धता स्पष्टता और प्रसन्नता लाती है। सरल शब्दों में समझें तो इसमें ये कहा गया है कि शुद्ध मन सच्ची खुशी और मानसिक स्पष्टता की ओर ले जाता है, जो संतुलित जीवन के लिए आवश्यक है। ऐसा योग के माध्यम से ही प्राप्त हो सकता है।

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