अफगानी क्रिकेटर राशिद खान ने तालिबान को दिखाई आंखें, धर्म पर सीख दे डाली

Rashid Khan Vs Taliban: अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज रूढ़ीवादी संगठन तालिबान के खिलाफ उनके देश में आवाज उठाने की हिम्मत, शायद ही किसी के पास होगी। आए दिन अपने फरमानों से महिलाओं पर बंदिशें लगाने और नागरिकों को अलग-अलग नियमों के पालन करने को मजबूर करने वाले तालिबान के खिलाफ अब उन्हीं के देश के एक नामचीन हस्ती ने आवाज उठाई है। वो कोई और नहीं बल्कि अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के महारथी राशिद खान हैं। इस बेहतरीन क्रिकेटर ने पहली बार तालिबान को लेकर चुप्पी तोड़ी है और उन्हें धर्म का पाठ पढ़ाते हुए कुछ गुजारिशें भी कर डाली हैं। राशिद ने क्या-क्या कहा है, यहां पर जानिए।

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राशिद बनाम तालिबान

तालिबान के खिलाफ आवाज उठाने की आखिरकार उनके किसी बड़े क्रिकेटर ने हिम्मत जुटाई है। जादुई स्पिनर राशिद खान ने तालिबान और उनके कुछ अमानवीय फरमानों को लेकर आईना दिखाते हुए इस्लाम से संबंधित पाठ पढ़ाने की भी कोशिश की है। राशिद खान का पूरा बयान बताते हैं आपको।

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तालिबान का खौफ

अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया था, शुरुआत में तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे वो अपने पुराने तरीकों पर लौटता नजर आया और इस संगठन ने अपने नागरिकों पर धर्म के नाम पर अमानवीय बंदिशें लगाना शुरू कर दिया। खासतौर पर महिलाओं को लेकर।

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राशिद खान ने उठाई आवाज

तालिबान के खिलाफ उनके किसी नागरिक का आवाज उठाना कम ही सुनने में आता है। अब ये काम किया है जाने-माने अफगानी क्रिकेटर राशिद खान ने। राशिद ने इस्लाम का हवाला देते हुए तालिबान को काफी कुछ सुनाया है और खासतौर पर शिक्षा को लेकर कुछ मांग भी की हैं।

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हर मुस्लिम का है अधिकार

राशिद खान ने अपने बयान में कहा- शिक्षा का हक हर मुस्लिम पुरुष और महिला का अधिकार है। मुझे दुख और निराशा हुई कि सभी एजुकेशन संस्थान और मेडिकल विभाग बंद कर दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर बहनों और माताओं की बुरी स्थिति देखकर आहत हूं।

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धर्म का पालन करके फैसला बदलें

राशिद ने कहा- किसी भी देश की नींव उसकी शिक्षा से बनती है, हमारी सिस्टर्स को भी शिक्षा लेने का हक है ताकि वो समुदाय को सेवाएं दे सकें जिसमें मेडिकल क्षेत्र भी शामिल है। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे पवित्र धर्म के आधार का पालन करते हुए ये फैसला बदला जाएगा।

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इस्लाम में शिक्षा का अहम स्थान

अफगानी क्रिकेटर ने आगे कहा कि एजुकेशन का इस्लामिक शिक्षा में भी अहम स्थान है। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए। कुरान में भी शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसका उल्लेख है।

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देश संकट में है

तालिबान और पूरी दुनिया को संदेश देते हुए राशिद ने कहा कि देश संकट में है। देश को हर क्षेत्र में पेशेवर लोगों की जरूरत है, खासतौर पर मेडिकल क्षेत्र में। नर्स और महिला डॉक्टरों की कमी चिंताजनक है। मैं मांग करता हूं कि ये फैसला वापस लिया जाए और अफगानी लड़कियों को उनका शिक्षा का हक दिया जाए।