धोनी जो कभी नहीं कर पाए, 22 साल पहले नए सेलेक्टर ने किया था वो कमाल

भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा की बीसीसीआई की सीनियर सेलेक्शन कमिटी में पांचवें चयनकर्ता के रूप में नुयक्ति का ऐलान हो गया। अजीत आगरकर की अध्यक्षता वाली चयनसमिति में रात्रा उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। रात्रा का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर महज एक साल का रहा। उन्होंने साल 2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में 6 टेस्ट और 12 वनडे मैच खेले और एक ऐसा रिकॉर्ड कायम कर दिया जो एमएस धोनी जैसे धाकड़ क्रिकेटर भी अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में नहीं कर पाए।

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एशिया के बाहर शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर

अजय रात्रा ने साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और एंटिगा में खेले गए करियर के तीसरे मैच में ही शतक जड़ने का कारनामा कर दिखाया था। उनसे पहले भारत का कोई विकेटकीपर विदेश में शतक नहीं जड़ सका था।

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टेस्ट शतक जड़ने वाले सबसे युवा विकेटकीपर

अजय रात्रा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 20 साल 148 दिन की उम्र में शतक जड़ा था। वो भारत के लिए टेस्ट शतक जड़ने वाले सबसे युवा विकेटकीपर बने थे। आज उनकी रिकॉर्ड कायम है। ऋषभ पंत ने 20 साल 338 दिन में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में शतक जड़ा था। लेकिन वो भी रात्रा का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए थे।

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धोनी एशिया के बाहर नहीं जड़ पाए शतक

एमएस धोनी ने भारत के लिए करियर में 90 टेस्ट मैच खेले और 6 शतक जड़े। जिसमें से पांच उन्होंने भारत में पांच और एक शतक पाकिस्तान के फैसलाबाद में जड़ा। एशिया के बाहर धोनी कभी तीन अंक के आंकड़े तक टेस्ट में नहीं पहुंच सके।

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पंत ने की थी बराबरी

रात्रा के विदेशी सरजमीं पर टेस्ट शतक जड़ने के रिकॉर्ड की बराबरी ऋषभ पंत ने की थी। पंत अब उनसे आगे निकल गए हैं। उनके नाम SENA देशों में तीन टेस्ट शतक हो गए हैं।

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ऐसा रहा रात्रा का 7 महीने लंबा इंटरनेशनल करियर

7 महीने लंबे अंतरराष्ट्रीय3क्रिकेट करियर में रात्रा ने 6 टेस्ट मैच की 10 पारियों में 163 रन 18.11 के औसत से बनाए। जिसमें 115* उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। वहीं 12 वनडे में उन्होंने 8 पारियों में 90 रन बनाए। 30 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।