भारत का हेड कोच बनते ही गौतम गंभीर लाने वाले हैं तूफान, चर्चा में हैं तीन विवाद
क्रिकेट फैंस नए कोच की तैयारी कर लें। भारतीय क्रिकेट को अब जल्द ही नया मुख्य कोच (Team India Head Coach) मिलने वाला है। राहुल द्रविड़ की विदाई के बाद जिम्बाब्वे दौरे के लिए वीवीएस लक्ष्मण को कुछ समय के लिए इस सीरीज के लिए भेजा गया है, लेकिन महीने के अंत में भारत के श्रीलंका दौरे पर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) नए कोच का पद संभाल सकते हैं। गंभीर के कोच बनते ही भारतीय क्रिकेट में तूफान आने के संकेत मिल रहे हैं। अभी ये पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन तीन ऐसी चीजें हैं जो उनके कोच बनते ही बड़ा विवाद बनते हुए नजर आ सकते हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर व कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी एक इंटरव्यू में इस ओर संकेत दिए थे कि गंभीर के आने के बाद क्या हंगामा खड़ा हो सकता है। आकाश चोपड़ा भी दिल्ली से आते हैं और गंभीर को करीब से जानते हैं। आइए जानते हैं कि क्या हैं वो कारण जो आने वाले दिनों में विवाद और हंगामे की वजह बन सकते हैं, जो भारतीय क्रिकेट में नया तूफान खड़ा कर सकते हैं।
गौतम गंभीर बनेंगे नए हेड कोच
राहुल द्रविड़ के कॉन्ट्रैक्ट के समाप्त होने के बाद उन्होंने टीम इंडिया के साथ अपना कोचिंग कार्यकाल आगे बढ़ाने से मना कर दिया था। इसके बाद कोच पद के लिए आवेदन मांगे गए और आईपीएल 2024 में मेंटर रहते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स को खिताब जिताने वाले पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर का इंटरव्यू हुआ और उनके कोच बनने पर मुहर लगी। वो जल्द ही जुलाई के अंत में शुरू होने वाली भारत-श्रीलंका सीरीज से अपना पद संभाल सकते हैं। अब यहां हम उन तीन बातों का जिक्र करने वाले हैं जो आने वाले भूचाल की ओर इशारा कर रहे हैं। भारतीय क्रिकेट का इतिहास रहा है कि अच्छे कोच ने टीम को शिखर तक पहुंचाया है और खराब कोच ने टीम की हालत बुरी की है।
सीनियर खिलाड़ियों से तनातनी
बेशक गौतम गंभीर कोच बनने जा रहे हैं लेकिन काफी लोगों को उनके टीम इंडिया के सफल कोच बनने पर संशय है। गंभीर के साथ खेल चुके दिल्ली के अन्य पूर्व भारतीय क्रिकेटर व कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में गंभीर के भारतीय हेड कोच बनने को लेकर कुछ सवाल रखे थे। इनमें तीन चीजें अहम थीं। इनको देखा जाए तो ऐसा लगता है कि भारतीय क्रिकेट में बहुत जल्द तूफान जैसी स्थिति बनने वाली है। सबसे पहली वजह सीनियर खिलाड़ियों से उनकी तनातनी होना मानी जा रही है क्योंकि मौजूदा समय में टीम के तकरीबन चार सीनियर खिलाड़ी ऐसे हैं जो गंभीर के साथ भारतीय टीम में खेल चुके हैं और उनके रिकॉर्ड भी गंभीर से बेहतर हैं। ऐसे में ये खिलाड़ी कोच गंभीर के आदेशों को किस सकारात्मकता से लेंगे, ये एक बड़ा सवाल है।
विराट कोहली से विवाद
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े नाम विराट कोहली से गौतम गंभीर की तनातनी कोई छुपी हुई बात नहीं है। दिल्ली के इन दो क्रिकेटरों के बीच टकराव की नौबत यहां तक पहुंच गई कि गंभीर खिलाड़ी रहते हुए भी आईपीएल में बीच मैदान कोहली से भिड़ चुके हैं। वहीं, लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर रहते हुए भी गंभीर पीछे नहीं हटे और उस दौरान भी विराट कोहली से उनका मैदान पर भयंकर झगड़ा हुआ जिसे पूरी दुनिया ने देखा था। बेशक विराट टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन वो टेस्ट और वनडे खेलते रहेंगे। खेल में रिकॉर्ड्स के मामले में विराट अब सचिन के स्तर तक जा पहुंचे हैं, ऐसे में वो कोच गंभीर की बातों को कितना गंभीरता से लेंगे और उसका क्या नतीजा होगा ये देखने वाली बात होगी।
सुनना पसंद नहीं है
आकाश चोपड़ा ने अपने इंटरव्यू में गंभीर के कोच के रूप में नियुक्त होने को लेकर बात करते हुए कहा था कि गौतम गंभीर एक पिता की तरह बर्ताव करने वाले कोच या मेंटर रहे हैं जो बच्चों को अपने आदेशों के आगे कुछ नहीं सुनना चाहता, जबकि कोच के रूप में सही व्यक्ति वो होता है जो भाई के रूप में पेश आए। चोपड़ा के मुताबिक गंभीर के साथ ऐसा नहीं है, उनका हिसाब साफ है या मेरी सुनो या फिर तुम्हारी छुट्टी। ऐसी स्थिति युवा खिलाड़ियों के साथ तो चल जाएगी लेकिन सीनियर खिलाड़ी हमेशा अपनी बात रखना चाहेंगे, अगर गंभीर को सुनना नहीं पसंद है तो ये खराब स्थिति पैदा करने के लिए काफी होगा।
क्या होंगे सफल?
इन तीनों चीजों के अलावा भी कई चीजें हैं, जैसे गौतम गंभीर का आक्रामक रवैया, उनका गुस्सा जो भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में कई स्थितियां बिगाड़ सकता है। अब सवाल ये है कि क्या वो सफल कोच साबित होंगे या नहीं। वो अपने मार्गदर्शन में कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल चैंपियन बनाने में जरूर सफल हुए हैं, लेकिन भारतीय कोच के रूप में ये निर्भर इसी बात पर करेगा कि वो टीम के सीनियर खिलाड़ियों को साथ लेकर चल पाते हैं या नहीं क्योंकि टीम में युवा और सीनियर खिलाड़ियों का मिश्रण और कोच से उनका तालमेल बेहद जरूरी होगा। वैसे अब तक उन्होंने मेंटर के रूप में तो खुद को साबित किया है लेकिन एक हकीकत ये भी है कि आज तक गंभीर ने किसी भी घरेलू टीम तक की कोचिंग नहीं की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि वो कितना सफल होते हैं जब सीधे देश की टीम की कमान उनके हाथ में सौंप दी जाएगी।
गंभीर के आंकड़े
गौतम गंभीर ने 2003 में वनडे क्रिकेट के साथ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। उसके बाद 2004 में टेस्ट और 2007 में टी20 शुरू किया। उन्होंने वनडे में 5238 रन, टेस्ट में 4154 रन और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 932 रन बनाए थे।
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