पहली बार बोल उठी विनेश फोगाट, पोस्ट में लिखी 5 बड़ी बातें, सबको रुला दिया
पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने से चूकने वाली भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) द्वारा ज्वाइंट सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील को अस्वीकार किए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। विनेश ने शुक्रवार को एक भावुक पोस्ट लिखते हुए इस मसले पर अपनी राय जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर तीन पेज का एक लेटर जारी किया है। इसमें उन्होंने कुश्ती के मैट पर अपनी यात्रा, संघर्ष का जिक्र करते हुए पेरिस में पदक अपने नाम नहीं कर पाने पर अफसोस जाहिर किया है। उन्होंने अपने पत्र में ऐसी बातें लिखी हैं जो आपको भावुक कर देगी।
लक्ष्य रह गया अधूरा
विनेश ने ओलंपिक पदक नहीं जीत पाने की टींस बाकी रह जाने की बात करते हुए कहा, मैं अपनी टीम, देशवासियों और परिवार के लिए जिस लक्ष्य को हासिल करना चाहती थी वो अधूरा रह गया। ये कमी मुझे जीवनभर महसूस होगी ये ऐसी कमी है जो कभी पूरी नहीं होगी और अब परिस्थितियां पहले जैसी नहीं होगी।
शायद आगे खेल पाऊं
संभवत: किसी और परिस्थितियों में खुद को 2032 तक खेलता पाऊं क्योंकि मेरे अंदर लड़ाई और कुश्ती हमेशा बनी रहेगी। मैं ये भविष्वाणी नहीं कर सकती कि भविष्य में मेरे लिए क्या छिपा रखा है और इस जीवन यात्रा में क्या मेरा इंतजार कर रहा है।
हमने नहीं मानी हार, किस्मत थी खराब
विनेश फोगाट ने 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से फाइनल से पहले डिस्क्वालीफाई हो गई थीं। पेरिस में छह और सात अगस्त का जिक्र करते हुए, 6 अगस्त की रात और 7 अगस्त की सुबह हमने हार नहीं मानी, हमारी कोशिश आखिर तक नहीं थमी, हमने हथियार नहीं डाले लेकिन घड़ी रुक गई और वक्त सही नहीं था। मेरी किस्मत भी खराब थी।
सच के लिए लड़ती रहूंगी
विनेश ने अंत में कहा, मैं इस बात को लेकर मैं सुनिश्चित हूं कि हमेशा उन चीजों को लेकर लड़ती रहूंगी जो मुझे लगता है कि सही है और जिसपर मैं भरोसा करती हूं।
लहराना चाहती थी ओलंपिक में भारत का झंडा
विनेश ने कहा, मेरी इच्छा थी कि इस ओलंपिक में भारत का झंडा लहराए मेरे पास राष्टध्वज की एक तस्वीर हो जो वास्तव में इसके मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती हो और इसकी गरिमा को पुनर्स्थापित करे।
महिलाओं और राष्ट्रध्वज की गरिमा के लिए लड़ी
रेसलर्स प्रोटेस्ट में शामिल होने के बारे में विनेश ने कहा, पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मैं महिलाओं और राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा के लिए लड़ी और इसकी रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी।
दुबई के शेख नहीं, गुजरात के Gold Man की है ये गोल्ड प्लेटेड Audi Q5
Bigg Boss 18 में अपने स्मार्ट गेम से जनता के चहेते बने ये 5 कंटेस्टेंट, ट्रॉफी पर मारकर बैठे हैं कुंडली
पतली कमर के लिए गेहूं छोड़ इस आटे की रोटी खाती हैं विराट कोहली की पत्नी, इन चीजों को देख दूर से ही जोड़ लेती हैं हाथ
ऑक्शन से पहले भुवनेश्वर कुमार का कारनामा, बने पहले भारतीय
Banarasi Barbie बनीं आलिया भट्ट की ननद.. रणबीर की सगी बहन होने का इतना है गुरुर, रैम्प लुक देख आपके भी उड़ेंगे होश
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited