हैट-कैमरा और दूरबीन के साथ 'सफारी' में Narendra Modi: हाथियों को पुचकारा, PM का पशु प्रेम देख बोले इंग्लिश क्रिकेटर- हीरो हैं मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (नौ अप्रैल, 2023) को कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य पहुंचे। उन्होंने वहां सुबह जंगल ‘सफारी' का लुफ्त उठाया। पीएम को इस दौरान सफारी क्षेत्र में हैट, कैमरा और दूरबीन के साथ देखा गया। अंदर उन्होंने हाथियों को पुचकारा और गन्ना खिलाया। भारतीय पीएम का इस कदर पशु और प्रकृति प्रेम देखकर इंग्लिश क्रिकेटर केविन पीटरसन ने उन्हें हीरो बताया है।

जंगल सफारी का पीएम मोदी ने लिया लुत्फ
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जंगल सफारी का पीएम मोदी ने लिया लुत्फ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार को जंगल ‘सफारी’ का आनंद लिया। ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के मौके पर वह वहां हुए कार्यक्रम के सिलसिले में चामराजनगर पहुंचे थे।

ऐसा था मोदी का सफारी वाला लुक
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ऐसा था मोदी का सफारी वाला लुक

"सफारी" के समय पीएम मोदी ने धारीदार ‘सफारी’ वाले कपड़े और हैट धारण कर रखी था। उन्होंने बाघ अभयारण्य में इस दौरान लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय की।

प्राकृतिक सुंदरता का लिया नजारा
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'प्राकृतिक सुंदरता का लिया नजारा'

बांदीपुर बाघ अभयारण्य आंशिक रूप से चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट तालुका में और आंशिक रूप से मैसूरु जिले के एचडी कोटे और नंजनगुड तालुका में है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'सुबह सुंदर बांदीपुर बाघ अभयारण्य में बिताई और भारत के वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता और विविधता की झलक देखी।'

दूरबीन से लिया दूर-दूर तक का नजारा
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दूरबीन से लिया दूर-दूर तक का नजारा

पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सफारी की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें उन्हें खुली जीप में खड़ा देखा जा सकता है और उनके पास कैमरा और दूरबीन थी। उन्होंने हाथियों, लंगूरों, हिरण और बाइसन की तस्वीरें भी साझा कीं।

सफारी से पहले मोदी ने किया यह था काम
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सफारी से पहले मोदी ने किया यह था काम

मेलुकमनहल्ली हेलीपैड पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से बांदीपुर में वन विभाग के स्वागत केंद्र तक गए, जहां उन्होंने पास के एक वन शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अपर्ति की और फिर वन विभाग की जीप से सफारी के लिए रवाना हो गए।

मोदी का पशु प्रेमः यूं हाथियों को पुचकारा
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मोदी का पशु प्रेमः यूं हाथियों को पुचकारा

राज्य के वन विभाग के मुताबिक, 19 फरवरी 1941 को एक सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान के वन क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को लेकर एक राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था।

हाथी भी चंद मिनटों में बन गया मोदी का साथी
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हाथी भी चंद मिनटों में बन गया 'मोदी का साथी'!

विभाग के अनुसार, 1985 में इस राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार किया गया, जिससे इसका क्षेत्र फल बढ़कर 874 वर्ग किलोमीटर हो गया और इसका नाम बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया। 1973 में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत लाया गया। इसके बाद, कुछ निकटवर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों को अभयारण्य में मिलाया गया। मौजूदा समय में बांदीपुरा बाघ अभयारण्य 912.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।और पढ़ें

जिस राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचे मोदी वहां क्या-क्या है
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जिस राष्ट्रीय उद्यान में पहुंचे मोदी, वहां क्या-क्या है?

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान नीलगिरि जीवमंडल रिजर्व का अहम हिस्सा है, जिसके उत्तर-पश्चिम में कर्नाटक का राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान (नागराहोल) है, जबकि दक्षिण में तमिलनाडु का मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य तो दक्षिण-पश्चिम में केरल का वायनाड वन्यजीव अभयारण्य है। यह अभयारण्य कभी भूतपूर्व महाराज की निजी शिकारागाह होता था। पर्यटन विभाग के मुताबिक, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान लुप्तप्राय एशियाई जंगली हाथियों के अंतिम आश्रय स्थलों में से भी एक है। दो प्रसिद्ध निवासियों (बाघ और हाथी) के अलावा, इस राष्ट्रीय उद्यान में कई अन्य लुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें भालू, गौर, भारतीय रॉक पाइथन, सियार, मगरमच्छ और चार सींग वाले मृग शामिल हैं। और पढ़ें

पीटरसन ने मोदी के पशु-प्रेम पर कही यह बात
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पीटरसन ने मोदी के पशु-प्रेम पर कही यह बात

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन केविन पीटरसन ने ट्वीट किया, 'आईकॉनिक! एक वैश्विक नेता, जो जंगली जानवरों से प्रेम करता है और वह जब प्राकृतिक आभामंडल में उनके साथ समय बिताता है तब वह काफी उत्साहित रहता है। याद रखिए कि उन्होंने अपने पिछले जन्मदिन पर भारत के जंगलों में चीतों को छोड़ा था। नरेंद्र मोदी हीरो हैं।'और पढ़ें

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