भारत के 7 महान क्रिकेटर जिनको विदाई मैच तक नहीं दिया गया
भारतीय क्रिकेट इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिनका संन्यास इतना आनन-फानन में हुआ या फिर उनके साथ नाइंसाफी भी कही जा सकती है, कि उनको संन्यास लेने के बाद विदाई मैच तक नहीं मिला। महान सचिन तेंदुलकर का विदाई मैच सभी को याद होगा जो एक समारोह में तब्दील हो गया था, वहीं चोटों से करियर में जूझने वाले आशीष नेहरा तक को शानदार विदाई मिली थी। लेकिन कुछ दिग्गज ऐसे रह गए जिनको फेयरवेल मैच (Farewell Match) नसीब नहीं हो सका। ये हैं वो 7 महान भारतीय क्रिकेटर।
वीरेंद्र सहवाग
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे शानदार ओपनर्स में से एक वीरेंद्र सहवाग को 2013 में टीम से बाहर कर दिया गया था। उसके बाद घरेलू क्रिकेट में कोशिशों के बावजूद उनकी वापसी नहीं हो पाई। अंत में लंबा इंतजार करने के बाद थककर उन्होंने 2015 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया, बिना किसी विदाई मैच के।
युवराज सिंह
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह ने देश को दो विश्व कप खिताब जिताने में सबसे अहम भूमिका निभाई। साल 2017 में उनकी टीम में वापसी हुई थी और चैंपियंस ट्रॉफी टीम का हिस्सा भी बने, लेकिन यो-यो टेस्ट पास नहीं करने के कारण उनको टीम में फिर जगह नहीं मिली, उन्होंने 2019 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनको विदाई मैच का ऑफर जरूर दिया गया था, लेकिन युवी ने प्रस्ताव ठुकरा दिया।और पढ़ें
महेंद्र सिंह धोनी
धोनी ने जब अगस्त 2020 में अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया तब कोविड की वजह से लॉकडाउन चल रहा था। उन्होंने अपना आखिरी मैच विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल के रूप में खेला था जो भारत हार गया था। इसलिए उनको भी विदाई मैच नसीब नहीं हुआ।
हरभजन सिंह
भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑफ स्पिनर रहे हरभजन सिंह ने अपने विदाई मैच के मौके का लंबा इंतजार किया, लेकिन 2016 टी20 विश्व कप में टीम में जगह मिलने के बावजूद कोई मैच नहीं खिलाना और उसके बाद टीम से बाहर होना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। उन्होंने काफी इंतजार के बाद 2021 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
जहीर खान
टीम इंडिया के बेस्ट तेज गेंदबाजों में शुमार रहे जहीर खान ने 2011 वनडे विश्व कप में अहम योगदान दिया था, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे चयनकर्ता उनको नजरअंदाज करने लगे। कुछ साल बुलावे का इंतजार किया लेकिन बिना विदाई मैच खेले 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
गौतम गंभीर
आज वो टीम इंडिया के कोच हैं और कभी टी20 विश्व कप 2007 और वनडे विश्व कप 2011 फाइनल के स्टार्स में से थे। गौतम गंभीर को साल 2016 के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिलना बंद हो गए। उनको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तो विदाई मैच नहीं मिला लेकिन रणजी ट्रॉफी में शतकीय पारी खेलकर उन्होंने 2018 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया।और पढ़ें
शिखर धवन
गब्बर के नाम से मशहूर बाएं हाथ के ओपनर शिखर धवन एक समय रोहित शर्मा के साथ टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर की जान थे। लेकिन उनको भी कई बार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद टीम से बाहर किया गया, अंत में इस बल्लेबाज ने इसी साल अगस्त में क्रिकेट को बिना विदाई मैच अलविदा कहने का फैसला सुना दिया।
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