आईसीसी चेयरमैन बनकर जय शाह ने लगाया मास्टरस्ट्रोक, जानिए कारण

जय शाह आधिकारिक तौर पर आईसीसी के नए चेयरमैन चुन लिए गए। उन्हें निर्विरोध आईसीसी का बॉस चुना गया। 35 साल के शाह आईसीसी के सबसे युवा बॉस होंगे। बतौर बीसीसीआई सचिव उनका दूसरा कार्यकाल सितंबर 2025 में होना था और ऐसे में आईसीसी चेयरमैन बनकर उन्होंने मास्टरस्ट्रोक लगाया है।

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आईसीसी के नए बॉस जय शाह

जय शाह को निर्विरोध आईसीसी का नया चेयरमैन चुन लिया गया। वह ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो जाएगा। 1 दिसंबर से शाह कार्यभार संभालेंगे। आईसीसी चेयरमैन बनकर उन्होंने मास्टरस्ट्रोक लगाया है।

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सितंबर 2025 तक था बीसीसीआई सचिव का कार्यकाल

जय शाह का बतौर बीसीसीआई सचिव कार्यकाल सितंबर 2025 तक था। ऐसे में अगर वह सचिव के तौर पर कार्यकाल पूरा करते तो दोबारा उन्हें बीसीसीआई में आने के लिए 3 साल का कूलिंग पीरियड (गैप) लेना पड़ता।

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जय शाह ने लगाया मास्टरस्ट्रोक

अब जब जय शाह आईसीसी के नए चेयरमैन बन गए हैं तो इस स्थिति में वह यह कार्यकाल पूरा करते ही बिना किसी कूलिंग पीरियड के बीसीसीआई में वापसी कर सकते हैं। समझ गए न जय शाह ने आईसीसी चेयरमैन बनकर कितना बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है।

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आईसीसी चेयरमैन के तौर पर बड़ी चुनौती

आईसीसी चेयरमैन के तौर पर जय शाह की शुरुआती बड़ी चुनौती, 2025 महिला U19 T20 विश्व कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी शाह कराना होगा।

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सबसे युवा आईसीसी चेयरमैन

35 साल के जय शाह ने सबसे युवा आईसीसी चेयरमैन बनकर इतिहास रच दिया। वह 5वें भारतीय हैं जो आईसीसी के चेयरमैन तक की कुर्सी पर पहुंचे हैं। इससे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर जैसे भारतीय यह कुर्सी संभाल चुके हैं।

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चेयरमैन बनने के लिए चाहिए होते हैं 9 वोट

आईसीसी का चेयरमैन बनने के लिए उम्मीदवार को कुल 17 वोट में से कम से कम 9 वोट चाहिए होते हैं, लेकिन इस स्थिति में शाह निर्विरोध चुने गए हैं। 17 में से 12 वोट फुल मेंबर, 3 वोट एसोसिएट नेशन, एक अध्यक्ष और एक महिला निदेशक का वोट होता है।