न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मैच हुआ रद्द, तो भारत के नाम कैसे दर्ज हुआ अनचाहा रिकॉर्ड

Afghanistan New Zealand Test Abandoned: अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में खेला जाने वाला एकमात्र टेस्ट बारिश, खराब मौसम और अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़़ गया। स्थिति ऐसी रही कि मैच में टॉस भी नहीं हो सका और पांचवें दिन मैच को रद्द घोषित कर दिया गया। स्थितियां इतनी खराब थी कि न्यूजीलैंड की टीम ने ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में भविष्य में भी कोई मैच खेलने से तौबा कर ली। ऐसी स्थिति में ग्रेटर नोएडा का नाम टेस्ट क्रिकेट मैप में दर्ज होते-होते रह गया। लेकिन भारत के नाम इसके साथ ही एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया।

पहली बार भारतीय सरजमीं पर हुआ ऐसा
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पहली बार भारतीय सरजमीं पर हुआ ऐसा

भारत में टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार खेले किसी मैच को एक भी गेंद फेंके बगैर रद्द करना पड़ा। ऐसा आजतक भारतीय टीम के टेस्ट मैच में नहीं हुआ था। लेकिन अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड टेस्ट ने भारत के नाम ये अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज करा दिया।

आठवीं बार टेस्ट इतिहास में हुआ ऐसा
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आठवीं बार टेस्ट इतिहास में हुआ ऐसा

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में आठवीं बार ऐसा हुआ जब किसी टेस्ट मैच में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी और उसे रद्द करना पड़ा। इस मुकाबले से पहले आखिरी बार ऐसा 26 साल पहले 1998 में दो मैच में हुआ था।

दो टेस्ट में नहीं फेंकी जा सकी गेंद
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दो टेस्ट में नहीं फेंकी जा सकी गेंद

1998 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच डुनेडिन में खेले जाने वाले टेस्ट मैच में कोई गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी। उसी साल पाकिस्तान और जिंबाब्वे के बीच फैसलाबाद में घने कोहरे के कारण मैच को बिना किसी खेल के रद्द किया गया था।

लगातार बारिश की वजह से गीला था मैदान
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लगातार बारिश की वजह से गीला था मैदान

ग्रेटर नोएडा में पिछले दो सप्ताह से लगातार हो रही बारिश की वजह से मैच नहीं खेला जा सका। मैदान में उसके अलावा सुविधाओं का अभाव, ग्राउंड कवर की कमी, खराब ड्रेनेज, कुशल मैदानकर्मियों का अभाव और सुपर सोपर पर्याप्त संख्या में नहीं होने से समस्या बढ़ गई और स्थिति अनियंत्रित हो गई।

अफगानिस्तान को दिए गए थे तीन विकल्प
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अफगानिस्तान को दिए गए थे तीन विकल्प

बीसीसीआई ने अफगानिस्तान को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के आयोजन के लिए ग्रेटर नोएडा, बेंगलुरू और कानपुर के विकल्प दिए थे। ऐसे में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने काबुल से नई दिल्ली की सीधी कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा का विकल्प चुना था।

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