एक व्यक्ति जिसने कुछ शब्द कहे और खेल छोड़ रही मनु भाकर आज हैं ओलंपिक स्टार

Turning Point In Journey Of Olympic Champion Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु भाकर ने वो कर दिखाया है जो इससे पहले आजाद भारत के इतिहास में कोई खिलाड़ी नहीं कर सका। हरियाणा की इस 22 वर्षीय निशानेबाज ने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतने का कमाल कर दिखाया है। लेकिन ये दिन ना आता अगर एक व्यक्ति ने खेल छोड़ रही मनु भाकर को चंद शब्द ना कहे होते।

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मनु भाकर ने रचा नया इतिहास

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 के पिस्टल इवेंट की व्यक्तिगत स्पर्धा में कुछ दिन पहले कांस्य पदक जीता था, फिर उन्होंने 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर एक और कांस्य भारत को जिता दिया। इसी के साथ वो आजाद भारत के इतिहास में पहली ऐसी खिलाड़ी बन गईं जिन्होंने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतने का कमाल कर दिखाया है।

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छोड़ने वाली थीं खेल

टोक्यो ओलंपिक 2020 में निराशानजनक प्रदर्शन से मनु भाकर इतना हताश हो गई थीं कि उस दौरान 19 साल की मनु ने खेल छोड़ने का मन बना लिया था। वो दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट थीं और विदेश में पढ़ाई करने का फैसला ले चुकी थीं।

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तभी इस व्यक्ति ने बदल दी जिंदगी

जब कुछ बड़ा होना होता है तो उसकी कहानी लिखने के पीछे कई किरदार होते हैं। मनु की जिंदगी में एक बड़ा किरदार बने उनके बचपन के कोच व पूर्व भारतीय शूटर जसपाल राणा, जिन्होंने उन दिनों मनु से मिलकर कुछ ऐसा कहा कि ना सिर्फ मनु का फैसला बदला बल्कि आज वो इतिहास रच रही हैं।

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जसपाल ने क्या कहा था?

खेल छोड़ने जा रही मनु से जसपाल ने कहा- तुम बेस्ट शूटर्स में एक हो, सिर्फ देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में। ये तुम पर छोड़ता हूं कि तुमको अपनी जिंदगी के साथ क्या करना है। बस इसके बाद मनु सोचने पर मजबूर हुईं, अपना फैसला पलटा और आज वो ओलंपिक की डबल मेडल चैंपियन हैं।

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मां ने भी बयां की हकीकत

मनु की इस ऐतिहासिक सफलता के बाद उनकी मां सुमेधा भाकर ने भी अपने बयान में कहा- आज मनु ने जो कमाल किए हैं वो जसपाल सर के मार्गदर्शन की वजह से मुमकिन हो सका है।