गोल्ड में बदला भारतीय जैवलिन थ्रोअर का सिल्वर मेडल

हाल ही में पेरिस ओलंपिक में भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के इंसीडेंट ने पूरे 150 करोड़ देशवासियों का दिल तोड़ दिया। विनेश ने सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था, लेकिन फाइनल ने पहले अयोग्य घोषित होने के कारण उन्हें इससे हाथ धोना पड़ा, लेकिन अब पैरालंपिक में भारत को एक बड़ी खुशी मिली है जब जैवलिन में सिल्वर मेडल को गोल्ड में बदला गया।

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जीता सिल्वर मिला गोल्ड, जानें कारण

रविवार का दिन पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए शानदार रहा। भारत को जब 7वें गोल्ड मिलने की खबर मिली तो पूरा देश खुशी से झूम उठा। दरअसल स्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि विनेश फोगाट के इंसीडेंट का दर्द कुछ हद तक कम हो गया।

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गोल्ड में बदला नवदीप सिंह सिल्वर

नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में 47.32 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। हालांकि, उन्हें यह मेडल बेहद ही नाटकीय अंदाज में मिला क्योंकि टॉप पर रहने वाले एथलीट डिस्क्वलीफाई हो गए।

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तीसरे थ्रो में साधा गोल्ड पर निशाना

नवदीप सिंह ने तीसरे प्रयास में ​47.32 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल पर निशाना साधा। इस थ्रो के साथ उन्होंने पैरालंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। ​

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ईरान के खिलाड़ी ने जीता गोल्ड

नवदीप सिंह अभी अपने थ्रो को सेलिब्रेट भी नहीं कर पाए थे कि ईरान के बेत सयाह सादेघ ने 47.64 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड पक्का कर लिया, लेकिन फाइनल के बाद उन्हें बार-बार आपत्तिजनक झंडा दिखाने के कारण डिस्क्लीफाई कर दिया गया और गोल्ड नवदीप को दिया गया।​

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नवदीप का सिल्वर, गोल्ड में बदला

अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियम एथलीटों को आयोजन में कोई भी राजनीतिक संकेत देने से रोकते हैं। इसी कारण नवदीप का सिल्वर, गोल्ड में बदल गया।

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पेरिस में भारत का 7वां गोल्ड

पेरिस पैरालंपिक में नवदीप ने भारत को 7वां गोल्ड मेडल दिलाया। टोक्यो में नवदीप चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने कड़ी मेहनत से यहां तक का सफर तय किया।