न्यूजीलैंड का खत्म हुआ भारतीय सरजमीं पर जीत का 36 साल लंबा इंतजार

New Zealand Historic Test Win against India: टॉम लैथम की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम ने भारत को उसके घर पर मात देकर इतिहास रच दिया है। न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम की भारतीय सरजमीं पर यह महज तीसरी टेस्ट जीत है। कीवी टीम भारतीय सरजमीं पर 36 साल लंबे अंतराल के बाद टेस्ट मैच जीतने में सफल हुई है। ऐसे में टीम के नए कप्तान टॉम लैथम का नाम भारतीय टीम के खिलाफ उसके घर पर जीत दर्ज करने वाले चुनिंदा कीवी कप्तानों की सूची में भी शामिल हो गया है। आइए जानते हैं न्यूजीलैंड की भारत के खिलाफ बेंगलूरू टेस्ट में जीत से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

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खत्म हुआ 36 साल का सूखा

न्यूजीलैंड की टीम ने भारत को आखिरी बार उसके घर पर पिछली बार मात साल 1988 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दी थी। जॉन रॉइट की कप्तानी वाली कीवी टीम ने उस मैच को 136 रन के अंतर से अपने नाम किया था। उसके 36 साल तक न्यूजीलैंड की जीत की झोली भारत में खाली रही थी। भारत के खिलाफ उसके घर न्यूजीलैंड को जीत दिलाने वाले पहले कप्तान ग्राह्म डाउलिंग थे।

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भारतीय मूल के खिलाड़ी के सिर सजा सेहरा

न्यूजीलैंड की भारत के खिलाफ बेंगलुरू टेस्ट में जीत का सेहरा भारतीय मूल के बल्लेबाज रचिन रवींद्र के सिर पर सजा। रचिन ने भारतीय टीम के 46 रन पर ढेर होने के बाद न्यूजीलैंड को 402 रन के स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने 134 रन की पारी खेली और टिम साउदी के साथ 137 रन की साझेदारी करके न्यूजीलैंड को 356 रन की बढ़त दिलाई। दूसरी पारी में 107 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने नाबाद 39 रन बनाए। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

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पिछली जीत के समय एक कीवी खिलाड़ी हुआ था पैदा

बेंगलुरू टेस्ट में जीत हासिल करने वाली कीवी टीम की सबसे रोचक बात यह है कि 36 साल पहले नवंबर 1988 में जब न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम उसके घर पर टेस्ट मैच में हराया था तब मौजूदा टीम के केवल एक खिलाड़ी का जन्म हुआ था। वो खिलाड़ी हैं एजाज पटेल। संयोग से उनका जन्म भी मुंबई में ही हुआ था जहां आखिरी बार न्यूजीलैंड को जीत मिली थी और वो तकरीबन एक महीने के थे।

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कीवी टीम के खिलाफ हारने वाले दो मुंबईया कप्तान

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर टेस्ट मैच गंवाने वाली भारतीय टीम के तीन में से दो कप्तान मुंबईकर हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम को पहली बार टेस्ट में हार मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी में साल 1969 में नागपुर में मिली थी। इसके बाद साल 1988 में कीवी टीम के खिलाफ टेस्ट में हार का सामना करने वाले भारतीय टीम के कप्तान दिलीप वेंसरकर थे। और अब इस अनचाही लिस्ट में रोहित शर्मा का नाम भी जुड़ गया है।

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जीत के लिए दूसरा सबसे लंबा इंतजार

न्यूजीलैंड की टीम को भारत के खिलाफ उसकी सरजमीं पर जीत का स्वाद चखने के लिए 36 साल लंबा इंतजार करना पड़ा। यह उसका किसी भी देश में टेस्ट जीत हासिल करने के लिए किया दूसरा सबसे लंबा इंतजार है। इंग्लैंड में 1931 में पहला टेस्ट खेलने के बाद अपनी पहली जीत 1983 में हासिल की थी। इस जीत के लिए उसे 52 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था।