ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में दक्षिण अफ्रीका की 3 ताकत और 3 कमजोरियां
South Africa Squad Analysis In Champions Trophy 2025: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में दुनिया की 8 दिग्गज टीमें एक दूसरे से भिड़ने के लिए तैयार हैं। टूर्नामेंट में चार-चार टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है। हम यहां बात करने जा रहे हैं दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम की। आईसीसी वनडे रैंकिंग में बेशक वे दुनिया की छठे नंबर की टीम हैं लेकिन पिछले एक साल में इस टीम ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में जबरदस्त हंगामा मचाया हुआ है। टीम बेहद ताकतवर नजर आ रही है और उससे टकराना किसी भी अन्य टीम के लिए आसान नहीं होने वाला। यहां हम जानेंगे कि क्या है दक्षिण अफ्रीकी टीम की ताकत और कमजोरियां।


दक्षिण अफ्रीका की ताकत और कमजोरी
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत 19 फरवरी से होने जा रही है। दक्षिण अफ्रीकी टीम को इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के साथ ग्रुप-बी में रखा गया है और यही ग्रुप ऑफ डेथ भी इस बार नजर आ रहा है। इन्हीं टीमों से दक्षिण अफ्रीका के पहले 3 मुकाबले होंगे। तो आइए जान लेते हैं क्या है दक्षिण अफ्रीकी टीम की ताकत और कमजोरियां।


दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी ताकत
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जो दक्षिण अफ्रीकी वनडे टीम घोषित हुई है, उसकी सबसे बड़ी ताकत है उसकी ओपनिंग जोड़ी जिसमें इन फॉर्म बल्लेबाज कप्तान तेम्बा बावुमा का साथ देने उतरेंगे टोनी डी जोर्जी। अब तक 13 वनडे मैचों में 1 शतक के दम पर 600 रन बना चुके जोर्जी और अनुभवी बावुमा कहर बरपाने का दम रखते हैं।
दूसरी बड़ी ताकत
दक्षिण अफ्रीका का चैंपियंस ट्रॉफी में मिडिल ऑर्डर सबसे सर्वश्रेष्ठ में से एक होगा। इसमें हेनरिच क्लासेन, ट्रिस्टन स्टब्स, डेविड मिलर, रेयान रिकलटन, रासी वेन डर डुसेन और एडेन मार्करम जैसे एक से एक शानदार बल्लेबाज मौजूद रहेंगे।
तीसरी ताकत
दक्षिण अफ्रीकी टीम की तीसरी ताकत है उनका स्पिन अटैक जिसमें केशव महाराज और तबरेज शम्सी जैसे विश्व स्तरीय स्पिनर मौजूद होंगे। दोनों ही स्पिनर किसी भी विरोधी टीम को अपनी फिरकी पर घुमाने का दम रखते हैं, जबकि एडेन मार्करम भी पार्ट टाइम स्पिनर के रूप में अच्छा विकल्प रहेंगे।
साउथ अफ्रीकी टीम की बड़ी कमजोरी
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में दक्षिण अफ्रीकी टीम की सबसे बड़ी कमजोरी बन चुकी है उनकी तेज गेंदबाजी, जहां मारको जेनसेन, लुंगी एनगिडी और कगिसो रबाडा जैसे विश्व स्तरीय पेसर तो मौजूद हैं, लेकिन इनमें से एक भी प्लेइंग-11 से बाहर हुआ तो और कोई विकल्प तलाशना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि मुख्य पेसर एनरिच नॉर्किया चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं।
दूसरी कमजोरी
टीम की दूसरी कमजोरी चैंपियंस ट्रॉफी में होगी उनके ऑलराउंडर्स। दक्षिण अफ्रीका के पास चार ऑलराउंडर हैं जिसमें दो तो अनुभवी हैं मारको जेनसेन और एडेन मार्करम, लेकिन बाकी दोनों कॉर्बिन बोश और वियान मुल्डर पहली बार इतने बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
तीसरी कमजोरी
हमेशा से दक्षिण अफ्रीका दुनिया की बेस्ट फील्डिंग करने वाली टीमों में गिनी जाती रही है, लेकिन इस बार कहीं ये उनकी कमजोरी ना बन जाए क्योंकि टीम के 15 खिलाड़ियों में 9 खिलाड़ी ऐसे में है जिनकी उम्र 30 से ऊपर है जिनमें से 5 खिलाड़ी 34 वर्षीय से ज्यादा उम्र के हैं।
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