क्या होता है Two-Tier सिस्टम जिससे टेस्ट क्रिकेट में बढ़ जाएगा रोमांच

What is Two-Tier In Test: बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में फैंस ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस सीरीज से उत्साहित रवि शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए टू-टियर सिस्टम लागू करने की सिफारिश की। इससे टेस्ट का रोमांच और भी बढ़ जाएगा।

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बॉर्डर-गावस्कर सीरीज

बॉर्डर गावस्कर सीरीज ने व्यूअवरशिप के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। नतीजा यह सबसे ज्यादा देखी जाने वाली सीरीज बन गई। इस सीरीज के बाद टेस्ट क्रिकेट में टू टियर सिस्टम लागू करने की भी मांग उठने लगी जो टेस्ट क्रिकेट के रोमांच को बढ़ा देगा।

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क्या होता है Two Tier सिस्टम

आसान भाषा में समझें तो टू टियर सिस्टम के तहत क्रिकेट खेलने वाले देशों को दो वर्गों में बांट दिया जाता है। 12 टीमों में से 7 को पहले टियर और बाकी 5 बड़ी टीमों को दूसरे टियर में रखा जाता है। इसके तहत बड़ी टीमें आपस में ज्यादा टेस्ट मैच खेलती हैं।

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टू टियर सिस्टम में क्या होता है

टू टियर सिस्टम लागू हो जाने के बाद बड़ी टीमें जैसे भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया 3 साल में एक दूसरे से दो बार टेस्ट सीरीज खेल सकती है जो फिलहाल 4 साल में खेली जाती है। जब बड़ी टीमें ज्यादा मैच खेलेगी तो टेस्ट का रोमांच और भी बढ़ेगा।

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पहले भी हुई थी सिफारिश

टेस्ट क्रिकेट में टू टियर सिस्टम लागू करने की मांग नई नहीं है। साल 2016 में भी इसकी सिफारिश की गई थी, लेकिन बीसीसीआई इस सिस्टम के खिलाफ थी। बीसीसीआई का मानना है कि सभी टेस्ट प्लेइंग नेशन को आगे बढ़ने का मौका मिले। टू टियर सिस्टम लागू होने से छोटी टीम बड़ी टीमों के खिलाफ नहीं खेल पाएगी।

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7 बोर्डों ने किया था विरोध

इस सिस्टम के खिलाफ 2016 में भी बीसीसीआई सहित श्रीलंका, बांग्लादेश, और जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने पुरजोर विरोध किया था जिसके कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। एक बार फिर भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्डों में इसको लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है।