कौन है सौरव गांगुली का रिकॉर्ड तोड़ने वाला 15 साल का क्रिकेटर
Who is Ankit Chatterjee: बंगाल और हरियाण के बीच बुधवार को ग्रुप सी के कल्याणी में शुरू हुए रणजी ट्रॉफी मुकाबले में बंगाल के लिए 15 साल के खिलाड़ी अंकित चटर्जी ने डेब्यू किया। इसके साथ ही उसका नाम बंगाल के रणजी क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज हो गया। अंकित बंगाल के लिए सबसे कम उम्र में रणजी डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बन गए। 15 साल 391 दिन की उम्र में अंकित ने ये उपलब्धि अपने नाम की और इस क्रम में उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की 35 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। सौरव गांगुली मार्च 1990 में बंगाल के लिए दिल्ली के खिलाफ रणजी डेब्यू किया था। वो रणजी का फाइनल मुकाबला था। संयोगवश सौरव ने उस मुकाबले में अपनी भाई स्नेहाशीष की जगह ली थी।आइए जानते हैं कौन हैं प्रिंस ऑफ कोलकाता का रिकॉर्ड तोड़ने वाले अंकित चटर्जी ?
बनगांव के रहने वाले हैं अंकित
अंकित पश्चिम बंगाल के उत्तर उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव के रहने वाले हैं। बनगांव राजधानी कोलकाता से तकरीबन 100 किमी की दूरी पर है।
10वीं कक्षा के हैं छात्र
अंकित वर्तमान में बनगांव हाई स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र हैं। छोटे से शहर से रणजी डेब्यू तक का अंकित का सफर बलिदान और अथक समर्पण से भरा रहा है।
सुबह साढ़े तीन बजे शुरू होता है दिन
अंकित का दिन रोजाना सुबह साढ़े तीन बजे शुरू होता है। वो साढ़े तीन बजे उठकर रोजाना सुबह 4:25 बजे की बोंगांव-सियालदह लोकल ट्रेन से दो घंटे की यात्रा करके कोलकाता पहुंचते और वहां से आधे घंटे पैदल चलकर अभ्यास के लिए मैदान तक पहुंचते थे।
अभिमन्यु ईश्वरन की जगह मिला मौका
अंकित को अचानक रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण के पहले ही मुकाबले में डेब्यू का मौका अभिमन्यु ईश्वरन के चोटिल होने की वजह से मिला। दो दिन पहले ईश्वरन हेयरलाइन फ्रैक्चर की वजह से मुकाबले से बाहर हो गए थे।
कवर ड्राइव के साथ खोला खाता
सौरव गांगुली की तरह बांए हाथ के बल्लेबाज अंकित चटर्जी ने अंशुल कंबोज की गेंद पर शानदार कवर ड्राइव के साथ अपना खाता खोला और सौरव गांगुली के शुरुआती दिनों की यादें फैन्स को ताजा करा दीं। पहले दिन अंकित 5 रन बनाकर नाबाद रहे।
कॉन्ट्रैक्टर हैं पिता
अंकित के पिता अनूप चटर्जी बनगांव में कॉन्ट्रेक्टर हैं। उन्होंने अपने बेटे के अंदर शुरुआत में ही क्रिकेट के जुनून देखा और उसे खेलने के लिए बैट खरीदकर दिया। घर के पिछवाड़े में वो शुरुआत में खेलते थे। अंकित का समर्पण देखकर पिता ने उन्हें सोनाली क्रिकेट कोचिंग सेंटर में कोच गोल्डार के पास दाखिला दिलाया। अंकित ने पहली छाप विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेलते हुए छोड़ी और टीम के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले प्लेयर रहे। इसके बाद उन्हें अंडर-19 टीम में कोच सौराशीष लहिरी से सीखने का मौका मिला। और पढ़ें
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