क्रिकेट का सबसे बड़ा जादू, तीन ओवर में पहली बार पूरी हुई हैट्रिक

किसी भी गेंदबाज के लिए क्रिकेट में हैट्रिक चटकाना एक अहम मौका होता है। आम तौर पर खिलाड़ी किसी एक मैच में लगातार तीन गेंद पर तीन विकेट लेने में सफल होते हैं तो उसे हैट्रिक कहा जाता है। ये आम तौर पर एक ओवर या दो ओवर में लगातार तीन गेंदों पर पूरी हो जाती है। लेकिन क्रिकेट इतिहास में एक मौका ऐसा भी आया है जब हैट्रिक तीन ओवर में पूरी हुई और उसे आईसीसी ने भी नियमों के मुताबिक हैट्रिक के रूप मान्यता दी।

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मर्व ह्यूज ने किया था ये कारनामा

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मर्व ह्यूज ने तीन ओवर में हैट्रिक पूरी करने का कारनामा वेस्टइंडीज के खिलाफ साल 1988 में पर्थ में किया था।

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122वें ओवर की आखिरी गेंद पर चटकाया विकेट

वाका के मैदान पर ह्यूज ने मैच की पहली पारी में वेस्टइंडीज के गस लोगी का विकेट 122वें ओवर की आखिरी गेंद पर चटकाया।

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124वें ओवर की पहली गेंद पर चटकाया दूसरा विकेट

ह्यूज ने इसके बाद 124वें ओवर की पहली गेंद पर कैरेबियाई बल्लेबाज पैट्रिक पैटरसन को कैच कराकर पवेलियन वापस भेज दिया और हैट्रिक पर आए गए। पैटरसन के आउट होते ही विंडीज की पारी 123.1 ओवर में 449 रन पर समाप्त हो गई।

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दूसरी पारी की पहली गेंद पर पूरी की हैट्रिक

इसके बाद ह्यूज को अपनी हैट्रिक पूरी करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी 8 विकेट पर 395 रन बनाकर घोषित की और विंडीज दोबारा बल्लेबाजी करने उतरा। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए गेंदबाजी की शुरुआत करने आए ह्यूज ने पहली ही गेंद पर गॉर्डन ग्रीनिज को एलबीडब्लू करके अपनी हैट्रिक पूरी कर ली।

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आईसीसी ने माना इसे हैट्रिक

नियमों के मुताबिक एक मैच में लगातार तीन गेंद पर तीन गेंद चटकाने पर उसे हैट्रिक माना जाता है। ऐसा ही इस मामले में तीन ओवर और दो पारियों में हुआ। ऐसे में आईसीसी ने इसे भी हैट्रिक के रूप में मान्यता दी।

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और कोई नहीं कर पाया ऐसा

इस अनोखी हैट्रिक को मर्व ह्यूज को पूरा किए 36 साल गुजर चुके हैं लेकिन टेस्ट इतिहास में और कोई गेंदबाज तीन ओवर में हैट्रिक पूरी करने का कारनामा अबतक नहीं दोहरा सका है।