धोनी से क्यों इतनी नफरत करते हैं युवराज के पिता, ये हैं 5 बड़े कारण
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एमएस धोनी को खरी-खोटी सुनाई है। उनके बात करने से लहजे से ही धोनी के प्रति उनकी सोच और नजरिया साफ नजर आने लगता है। योगराज बेटे युवराज सिंह का करियर जल्दी खत्म होने की सबसे बड़ी वजह उस दौर के कप्तान एमएस धोनी को मानते हैं। उन्होंने कहा है कि धोनी को जिंदगी में कभी माफ नहीं किया जा सकता। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं वो पांच वजह जिसके कारण योगराज धोनी से नफरत करते हैं।

साल 2007 में धोनी बने कप्तान
साल 2007 के टी20 विश्व कप के लिए युवराज टीम इंडिया का कप्तान बनने के सबसे बड़े दावेदार थे लेकिन सचिन तेंदुलकर की अनुशंसा पर दिलीप वेंसरकर की अध्यक्षता वाली चयनसमिति ने धोनी को पहले टी20 और उसके बाद वनडे टीम का कप्तान घोषित कर दिया। युवराज के नाम को दरकिनार करके धोनी को कप्तान बनाना योगराज को नागवार गुजरा और यह योगराज सिंह के धोनी का नापसंद करने की पहली वजह बना।

2015 वनडे विश्व कप के लिए नहीं मिला मौका
साल 2011 के विश्व कप में कैंसर से जूझते हुए युवराज सिंह ने टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। इसके बाद युवराज तकरीबन दो साल टीम इंडिया से बाहर रहे। युवराज के अंदर फील्ड पर पहले जैसी तेजी और स्फूर्ति नजर नहीं आ रही थी। हालांकि मोहाली में उन्होंने वापसी के बाद शतक भी जड़ा था और वनडे में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी बनाया था। इसके बाद भी युवराज को चयनकर्ताओं को टीम से बाहर कर दिया। साल 2015 के वनडे विश्व कप के लिए युवराज को टीम में जगह नहीं दी गई। ऐसे में योगराज को तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी से नफरत करने की एक और वजह मिल गई।

धोनी की दखलंदाजी ने छोटा किया करियर
योगराज सिंह का मानना है कि एमएस धोनी की दखलंदाजी की वजह से युवराज सिंह का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 4-5 साल छोटा हो गया। योगराज सिंह ने कहा, उस आदमी ने मेरे बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी। युवी चार-पांच साल और खेल सकता था।'साल 2011 के विश्व कप के फाइनल में युवराज से पहले धोनी का बल्लेबाजी करना उतरना भी योगराज को नागवार गुजरा था। उनका मानना था कि धोनी ने युवराज से गौरव का पल छीन लिया था।

यो-यो टेस्ट की वजह से नहीं मिला विदाई मैच
भारत को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह को विदाई मैच नहीं मिलने का आरोप भी योगराज ने धोनी पर लगाया था। भारतीय टीम में एंट्री के लिए यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य कर दिया गया था। युवराज से कहा गया था कि अगर आपसे यो-यो टेस्ट पास नहीं होता है तो फेयरवेल मैच मिलेगा। ऐसे में युवराज की 2017 के बाद टीम में वापसी नहीं हो सकी और उन्हें विदाई मैच भी नहीं मिला। हालांकि तब टीम की कमान विराट कोहली के हाथ में आ गई थी। लेकिन इसके लिए भी योगराज धोनी को जिम्मेदार मानते हैं।

दोनों के बीच ईगो-क्लैश
धोनी और युवराज के बीच ईगो क्लैश का आरोप हमेशा योगराज सिंह लगाते हैं। हालांकि युवराज सिंह ने भी कहा था कि भारतीय टीम में मेरे बहुत से दोस्त हैं लेकिन धोनी के साथ मेरा रिश्ता साथी खिलाड़ी वाला है दोस्ती का नहीं।

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