मिल गया भगवान राम का धनुष, यहां रखे हैं इसके टुकड़े, धीरे-धीरे हो रहा है बड़ा

Dhanusadham temple of Nepal: सीता स्वयंवर में भगवान राम से शिव जी का धनुष जिसका नाम पिनाक था टूट गया था। धनुष जिस जगह पर है वहां पीपल के पेड़ के नीचे फैली धनुषाकार शिला को ईंट के बाड़े से घेर दिया गया है। स्थानीय लोगों की मान्यताएं हैं कि धनुष का टुकड़ा धीरे धीरे बड़ा हो रहा है।

स्वयंवर में टूटा था धनुष
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स्वयंवर में टूटा था धनुष

भगवान राम के प्रति आस्था रखने वाले लोगों को ये बात अच्छे से पता होगी कि सीता स्वयंवर में उनसे भगवान शिव का एक धनुष टूट गया था। धनुष टूटने के बाद भगवान परशुराम काफी ज्यादा क्रोधित भी हुए थे।

धनुष के हुए थे तीन टुकड़े
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धनुष के हुए थे तीन टुकड़े

प्रभु श्री राम से जब धनुष टूटा तब वो तीन टुकड़ों में विभाजित हो गया था। मान्यता है कि इसका एक टुकड़ा आकाश दूसरा पाताल और तीसरा धरती पर ही रह गया था।

धरती पर गिरा टुकड़ा
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धरती पर गिरा टुकड़ा

वो जगह जहां धनुष का तीसरा टुकड़ा गिरा वो नेपाल के जनकपुरधाम के पास मौजूद है। इस जगह पर आज भी लोग धनुष के टूटे हुए टुकड़े की पूजा करते हैं।

धनुषा धाम मंदिर
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धनुषा धाम मंदिर

इस मंदिर का नाम धनुषा धाम मंदिर है। नेपाल के शहर जनकपुर से ये मंदिर लगभग 10-12 किलोमीटर दूर है। टैक्सी या निजी वाहन से यहां पहुंचा जा सकता है।

धनुष से जुड़ी जानकारी
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धनुष से जुड़ी जानकारी

मंदिर में पीपल के पेड़ के नीचे एक बीस फुट की खुरदरी शिला है, इसमें जगह जगह पर तांबे की सी लकीरें और धब्बे दिखते हैं। इसे ही धनुष पिनाक का अंग माना जाता है।

पांच हजार लोग खींचकर लाए थे धनुष
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पांच हजार लोग खींचकर लाए थे धनुष

मान्यता है कि ये धनुष काफी विशालकाय था। इसे लोहे के जिस संदूक में रखा गया था उसमें आठ बड़े पहिये लगे हुए थे। इस धनुष को 5 हजार लोग खींचकर लाए थे।

नहीं होती वीजा की जरूरत
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नहीं होती वीजा की जरूरत

भारत से नेपाल की यात्रा के दौरान आपको वीजा की जरूरत नहीं होती है। आधार कार्ड या पासपोर्ट के जरिए आप इस देश में भारत से प्रवेश कर सकते हैं।

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