बब्बर शेर से कम नहीं हैं मराठा, घूम आएं ये 5 रहस्यमयी किले, जहां आज भी गूंजती है वीर गाथा
Forts built by Chhatrapati Shivaji Maharaj (छत्रपति शिवाजी महाराज के किले): छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के प्रमुख राजाओं में से एक माने जाते हैं। मुगलों हार का स्वाद चखाने वाले शिवाजी महाराज के किले आज भी उनकी वीर गाथा का परिचय सुनाते हैं। ये किले दिखने में जितने भव्य लगते हैं उतने ही रहस्यमयी भी माने जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इन किलों के नाम।


छत्रपति शिवाजी महाराज
भारतीय इतिहास के महान राजाओं में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज आज भी अपने सामर्थ्य और न्याय के लिए जाने जाते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज ने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से संघर्ष किया था।


छत्रपति शिवाजी महाराज के किले
अपने शासन काल में छत्रपति शिवाजी महाराज ने कई ऐसे शानदार और अनोखे किलों का निर्माण करवाया था, जिनकी भव्यता आज भी बरकरार है। ये किले आज भी मराठाओं के शेर कहे जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता को जिंदा रख रहे हैं, जहां जाना जिंदगी में एक बार तो बनता है।
रायगढ़ किला
रायगढ़ किला शिवाजी महाराज के समय का सबसे महत्वपूर्ण किला माना जाता है। ये किला महाराष्ट्र के रायगढ़ के महाड पहाड़ी पर बना हुआ है, जहां पर आप खूबसूरत घाटियों का दिलकश नजारा देख सकते हैं। इस किले में ही शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। किले तक पहुंचने के लिए 1737 सीढ़ियां को चढ़ना पड़ता है और आप इसके लिए रोपवे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए एनएच 17 पर मुंबई से महाड तक ड्राइव करके रायगढ़ आना पड़ता है जहां से ये किला 24 किलोमीटर दूर है।
शिवनेरी किला
शिवनेरी का किला शिवाजी महाराज का जन्मस्थान माना जाता है। शिवनेरी किला महाराष्ट्र के पुणे के करीब जुन्नर गांव में मौजूद है। इस किले में माता शिवाई का मंदिर भी है, जिनके नाम पर शिवाजी महाराज का नाम रखा गया था। किले में कई तरह की गुफाएं भी हैं, जो आज बंद पड़ी हुई हैं। इस किले के पास का रेलवे स्टेशन पुणे है और आप कल्याण-नांदेड़ राजमार्ग से जुन्नर गांव तक आ सकते हैं और किले को देख सकते हैं।
सिंधुदुर्ग किला
सिंधुदुर्ग का भव्य किला भारत के समुद्री किलों में से एक जाना जाता है। किले के चारों ओर की चट्टानें पुराने समय में किले की सुरक्षा का काम करती थी। शिवाजी महाराज का ये किला 48 एकड़ में फैला हुआ है। किले से पास का रेलवे स्टेशन कोंकण रेलवे के साथ कुडाल है जो कि मालवन क्षेत्र से 32 किमी दूर है। ये किला मुंबई टू गोवा सड़क मार्ग पर पड़ता है।
प्रतापगढ़ किला
महाराष्ट्र के सतारा में मौजूद प्रतापगढ़ किला शिवाजी महाराज की वीर गाथा का प्रमाण माना जाता है। इस किले को शिवाजी महाराज और अफजल खान के बीच हुई तकरार के लिए भी प्रसिद्ध माना जाता है, जिसमें शिवाजी महाराज की जीत हुई थी। समुद्री तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर बना प्रतापगढ़ किला 1665 में बनाया गया था। किले के पास का रेलवे स्टेशन वीर दास गांव है। महाबलेश्वर से प्रतापगढ़ सिर्फ 24 किलोमीटर दूर मौजूद है।
लोहागढ़ किला
ये किला पुणे से 52 किमी दूर लोनावला में है। मुंबई, पुणे और गोवा के लोगों के लिए आज ये किला फेमस ट्रेवल डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस किले में अपना खजाना रखा था। किले में कई प्राचीन मंदिर हैं जिनमें शिव मंदिर और हनुमान मंदिर प्रमुख माने जाते हैं।
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