अंग्रेज भी उंगलियां चाटकर खाते थे इन Cafes का खाना, आजादी के पहले भी लगती थी लंबी लंबी लाइन.. गजब स्वाद के लिए करें ट्राई

खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए भारत में बहुत सारे शानदार कैफेज हैं, जिनमें से कुछ तो ऐसे हैं जो आजादी के पहले बने थे। तो 78वें स्वतंत्रता दिवस पर हम आपको बताते हैं, इंडिया के ऐसे शानदार और स्वादिष्ट रेस्टोरेंट-कैफेज के बारे में जहां आपको एक बार तो विजिट करना ही चाहिए।

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आजादी से पहले बने ये जबरदस्त कैफे

मुंबई का ब्रिटैनिया एंड को पारसी कोहिनूर परिवार द्वारा 1923 में स्थापित किया गया था। ये ईरानी कैफे बेहद स्वादिष्ट ट्रेडिशनल डिशेज सर्व करता है। यहां आकर आर बेरी पुलाव, फिश पन्ना, मटन, साली बोटी तो ब्रेड की अलग अलग डिशेज ट्राई कर सकते हैं।

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करीम्स, दिल्ली

1993 में बना दिल्ली का करीम्स नॉन वेज के लिए एकदम ही गजब का ऑप्शन है। यहां कि नल्लू निहारी, मटन कोरमा, सीख कबाब जैसी चीजें बहुत फेमस है।

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लियोपोल्ड कैफे, मुंबई

1871 में बना मुंबई के कोलाबा का लियोपोल्ड कैफे भी बहुत ज्यादा फेमस है। 2008 हमले में यहां पर कई सारी गोलियां चली थी, जिसके निशान आज तक हैं। हालांकि इतने खौफनाक हादसे के बाद भी आज यहां कई लोग विजिट करते हैं।

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इंडियन कॉफी हाउस, कोलकाता

साउथ इंडियन की सालों पुरानी ये चेन कोलकोता में करीब 100 साल से ज्यादा से सर्व कर रही है। यहां पर खुद रबींद्रनाथ टैगोर, सत्यजीत रे तो सुभाष चंद्र बोस जैसे दिग्गजों ने खाना खाया है।

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ग्लेनरी, दार्जिलिंग

100 साल पुरानी ये प्यारी सी बेकरी भी दार्जिलिंग की मॉल रोड की शान बढ़ाती है। ब्रिटिश राज के वक्त इस ईरानी बेकरी को वाडो के नाम से जाना जाता था। हालांकि अब इसका नाम ग्लेनरी है, यहां आप केक, ब्रेड, मफिन, टार्ट, पाई जैसी स्वादिष्ट बेकरी आयटम ट्राई कर सकते हैं।