ना लाइट ना पीने का साफ पानी, चारों ओर रेत ही रेत के बीच मयंक यादव के गांव घूम आओ

बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में 22 साल के युवा तेज गेंदबाज Mayank Yadav ने डेब्यू किया था। 150kph की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले मंयक जिस गांव से आते हैं वहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मंयक के इस गांव के बारे में डिटेल में जानते हैं जिसके बारे में बेहद कम लोग जानते हैं।

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कौन है मयंक यादव

आईपीएल में लखनऊ सुपर जायटंस के लिए खेलने वाले 22 साल के युवा तेज गेंदबाज मयंक यादव ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू किया है। मयंक आईपीएल में लगातार 150 kph की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे जिसके चलते वो चर्चा में आए थे।

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रतहो गांव से है नाता

मयंक यादव का नाता बिहार राज्य के सुपौल जिले के अंतर्गत रतहो गांव से है जो कोसी नदी के तट के भीतर स्थित है। इस गांव की गिनती सुदूर देहाती इलाके में होती है मतलब ऐसा इलाका जहां पर अभी भी मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

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झेलनी पड़ती है कोसी त्रासदी

रतहो गांव को हर साल कोसी की विभिषिका झेलनी पड़ती है। कोसी त्रासदी भारत में बाढ़ और प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में सबसे गंभीर घटना में से एक है। इस आपदा के बाद मयंक यादव के गांव में चारों ओर रेत ही रेत नजर आता है।

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गांव आना जाना हुआ कम

क्रिकेट से जुड़ने के चलते कोसी के लाल मयंक यादव के अपने गांव आना-जाना काफी कम हो गया है। मयंक आखिरी बार रतहो गांव अपने दादा जी हरिश्चंद्र यादव के श्राद्ध में अप्रैल 2022 में गए थे।

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दिल्ली में हुआ था मंयक का जन्म

रतहो गांव से तालुल्क रखने वाले मयंक यादव का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली के मोतीनगर इलाके में हुआ था। यहीं से उन्होंने अपने क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत की और पीछे मुड़कर नहीं देखा। बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में मंयक ने 4 ओवर के स्पेल में 21 रन देकर 1 विकेट झटका था।