बाल कटवाए, छाती को बांधा, 250 साल पहले दुनिया घूमने के लिए जोखिम में डाला सबकुछ

Jeanne Baret Ship: अगली बार जब कोई आपसे कहे कि महिलाओं को अकेले यात्रा नहीं करनी चाहिए, तो जीन बैरेट को जरूर याद कर लें। ये वह महिला हैं जिसने दुनिया की यात्रा तब की जब दुनिया कहती थी कि ट्रैवल महिलाओं के लिए नहीं है।

साहसिक यात्रा
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साहसिक यात्रा

आज भी तमाम ऐसे लोग हैं जो रुढीवादी विचारों को मानते हैं और समझते हैं कि महिलाओं को यात्रा नहीं करनी चाहिए। घिसी-पिटी सोच के बावजूद हमारा इतिहास साहसी महिलाओं से भरा हुआ है। जीन बैरेट वो महिला हैं जिन्होंने 250 साल पहले साहसिक यात्रा की और इतिहास में अपनी अनूठी पहचान बनाई थी।

कौन थीं जीन बैरेट
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कौन थीं जीन बैरेट

1740 में फ्रांस में जीन बैरेट का जन्म हुआ था। बैरेट पेशे से एक विशेषज्ञ वनस्पतिशास्त्री थीं। उस समय जब विज्ञान बहुत हद तक पुरुषों का क्लब था एक महिला के लिए विज्ञान की इतनी बेहतर समझ होना अपने आप में बड़ी बात थी।

दिलचस्प है कहानी
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दिलचस्प है कहानी

जीन बैरेट प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री फिलबर्ट कॉमर्सन के साथ काम करती थीं। जब उन्हें 1766 के अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया, तो जीन इसके लिए पूरी तरह से तैयार थीं लेकिन एक बड़ी समस्या यह थी कि उस समय फ्रांसीसी नौसेना कानून महिलाओं को सैन्य जहाजों पर नौकायन करने से प्रतिबंधित किए हुए था।

पुरुषवेश में हुई थीं यात्रा में शामिल
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पुरुषवेश में हुई थीं यात्रा में शामिल

फ्रांसीसी नेवी अफसर लुई आंटोइन डी बौगनविल के नेतृत्व में समुद्री अभियान में भाग लेने के लिए जीन बैरेट पुरुषवेश में यात्रा में शामिल हुई थीं। यात्रा के दौरान जीन ने कई नए पौधों की खोज की और एक रिपोर्ट भी बनाई जिसे बाद में काफी सराहा गया था।

2 साल तक बदला था भेष
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2 साल तक बदला था भेष

यात्रा में शामिल होने के लिए उन्होंने अपने बाल कटवाए, अपनी छाती को बांधा और जीन बैरेट के वेश में जहाज पर चढ़ गई। दो साल तक, बैरेट ने अपना भेष बदले रखा।

महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा
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महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा

संदेह होने के बाद उन्हें मॉरीशस में ही छोड़ दिया गया था जहां वे कई सालों तक रहीं। आखिरकार 1775 में वो फ्रांस वापस लौटीं और अपनी ऐतिहासिक यात्रा पूरी की। यात्रा के समापन के बाद जब उनकी पहचान उजागर हुई तब ना केवल वो एक प्रसिद्ध नाम बन गईं बल्कि उनकी साहसिकता यात्रा की कहानी ने महिलाओं के लिए नए रास्ते खोल दिए।

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