जानवरों की सुरक्षा के लिए दे देते हैं जान, हरियाली से घिरे लॉरेंस बिश्नोई के गांव घूम आओ

Lawrence Bishnoi village: एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से लॉरेंस बिश्नोई सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। लॉरेंस बिश्नोई जिस गांव से आते हैं वहां पर लोग जानवरों की सुरक्षा को परम धर्म मानते हैं वहीं अपना जीवनयापन करने के लिए खेती पर निर्भर रहते हैं। इस गांव के बारे में सारी जानकारी यहां दी हुई है।

चर्चा में लॉरेंस बिश्नोई
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चर्चा में लॉरेंस बिश्नोई

खतरनाक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम चर्चा में बना हुआ है। लॉरेंस बिश्नोई का नाता पंजाब के एक ऐसे गांव से है जहां लोग जीविका चलाने के लिए खेती पर निर्भर रहते हैं।

धत्तरांवाली गांव
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धत्तरांवाली गांव

लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के धत्तरांवाली गांव का रहने वाला है। ये जगह भारत के सीमावर्ती इलाके में आती है जो फाजिल्का जिले के अबोहर तहसील में स्थित है जहां पर लॉरेंस बिश्नोई का काफी वक्त बीता है।

बिश्नोई समुदाय
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बिश्नोई समुदाय

इस गांव में आधी से ज्यादा आबादी बिश्नोई समुदाय की है जो जानवरों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने सम्मान के लिए जाना जाता है। ये जानवरों के लिए अपनी जान तक देने में पीछे नहीं हटते।

हरियाली से घिरा गांव
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हरियाली से घिरा गांव

इस गांव में ज्यादातर लोग जीवनयापन करने के लिए खेती पर निर्भर हैं। अगर आप यहां यात्रा करने जाते हैं तो पाएंगे कि ये गांव पूरी तरह से खेती और हरियाली से घिरा हुआ है।

साझा संस्कृति
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साझा संस्कृति

इस गांव में आपको पंजाब और हरियाणा के अलावा राजस्थान की संस्कृति के भी दर्शन होंगे। इस गांव के दक्षिण में राजस्थान और हरियाणा की सीमा है।

कैसे पहुंचे गांव
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कैसे पहुंचे गांव

अबोहर शहर इस गांव के सबसे नजदीक है। यहां से गांव की दूरी तकरीबन 20 किलोमीटर होगी जिसे बस या फिर निजी वाहन के द्वारा आसानी से तय किया जा सकता है।

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