लखनऊ में है 241 साल पुरानी जगह, भयंकर अकाल में 22 हजार मजदूरों ने किया था निर्माण

Rumi Darwaza History: नवाबों का शहर लखनऊ अपने आप में तमाम कहानी समेटे हुए है। घूमने-फिरने वालों के लिए लखनऊ में देखने और करने को बहुत कुछ है। ऐसे में हम आपको बताएंगे रूमी दरवाजे से जुड़ी दिलचस्प कहानी जिसको जानने के बाद आपके दीदार का मजा और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

लखनऊ पर्यटन स्थल
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लखनऊ पर्यटन स्थल

लखनऊ के बाजारों से लेकर यहां के गलियारों तक सबकी अपनी अलग कहानी है। नवाबों के शहर लखनऊ में कुछ ऐसे लोकेशन हैं जिनका इतिहास काफी दिलचस्प है। दीदार करने का मजा तभी है जब उसके इतिहास से वाकिफ हों।

रूमी दरवाजा
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रूमी दरवाजा

इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे लखनऊ के रूमी दरवाजा से जुड़ी हुई दिलचस्प कहानी जिसका निर्माण लखनऊ के चौथे नवाब आसफउद्दौला ने सन 1784 में करवाया था।

बेहद खूबसूरत है रूमी दरवाजा
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बेहद खूबसूरत है रूमी दरवाजा

लखनऊ के प्रमुख आकर्षणों में से एक रूमी दरवाजा इतना खूबसूरत है कि इसको नवाबों की दुनिया का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहां से रात का नजारा देखते ही बनता है।

रूमी दरवाजा बनाने के पीछे की वजह
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रूमी दरवाजा बनाने के पीछे की वजह

रूमी दरवाजे को बनाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी छिपी हुई है। दरअसल, जब इस दरवाजे का निर्माण किया गया उस वक्त लखनऊ में भयंकर अकाल पड़ा हुआ था। ना तो लोगों के पास कोई काम था और ना ही खाने का कोई जुगाड़ था।

नवाब आसफुद्दौला ने बनाई योजना
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नवाब आसफुद्दौला ने बनाई योजना

अकाल की स्थिति में लोग भीख मांगने पर मजबूर हो गए थे। ऐसे में नवाब आसफुद्दौला जो भीख की रोटी को हराम मनाते थे उन्होंने भवनों का निर्माण करने की योजना बनाई। इन्हीं भवनों में रूमी दरवाजा एक था जिसको बनाने के लिए 22 हजार मजदूर लगे थे।

कैसे पहुंचे रूमी दरवाजा
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कैसे पहुंचे रूमी दरवाजा

लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन से रूमी दरवाजा सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रूमी दरवाजा सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जहां आप बड़े ही आसानी से बस, टैक्सी से पहुंच सकते हैं।

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