नोएडा का वो गांव जहां हुआ था रावण का जन्म, दिल्ली-NCR की इस जगह दशहरा में मनता है शोक

Dussehra Ravan Dahan: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले (नोएडा/ग्रेटर नोएडा) में एक महत्वपूर्ण गांव बसा हुआ है जिसके बारे में बेहद कम लोग जानकारी रखते हैं। मान्यता है कि रावण का जन्म श्रीलंका में नहीं बल्कि बिसरख गांव में हुआ था। बिसरख गांव से जुड़ी तमाम जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने की कोशिश करेंगे।

रावण के जन्मस्थान से जुड़ी जानकारी
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रावण के जन्मस्थान से जुड़ी जानकारी

मान्यता है कि रावण का जन्म श्रीलंका में नहीं बल्कि दिल्ली-NCR के ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में ही हुआ था। ऐसा माना जाता है कि ये गांव रावण के वंशजों से जुड़ा हुआ है। ये ही वो गांव है जहां रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने घोर तपस्या की थी।

बिसरख में बीता रावण का बचपन
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बिसरख में बीता रावण का बचपन

मान्यता है कि रावण के जन्म के साथ ही उसका बचपन भी बिसरख में ही बीता था। महान ब्राह्मण और तपस्वी ऋषि विश्रवा जो कि रावण के पिता थे वो बिसरख में ही रहते थे। रावण ने शुरुआती दिनों में वेदों और शास्त्रों की शिक्षा यहीं ली थी।

रावण का नहीं होता दहन
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रावण का नहीं होता दहन

बिसरख गांव में दशहरा के उत्सव पर रावण का दहन नहीं किया जाता है बल्कि इसे शोक के रूप में मनाया जाता है और वो रावण की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यहां पर रावण को जलाया गया तो दशानन का कहर उनके गांव पर बरपेगा।

विश्रवा मुनि मंदिर के करें दर्शन
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विश्रवा मुनि मंदिर के करें दर्शन

ऋषि विश्रवा को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल विश्रवा मुनि मंदिर बिसरख गांव में ही है। मंदिर में पूजा-अर्चना करने के साथ ही आप रावण के परिवार के इतिहास से जुड़े पहलुओं के बारे में डिटेल में जान सकते हैं। यहां शिवलिंग है जहां रावण और उसके पिता दोनों ही पूजा करते थे।

रावण की मां थीं राक्षसी
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रावण की मां थीं राक्षसी

रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने राक्षसी कैकेसी से विवाह किया था इसी वजह से दशानन में ब्राहम्ण और राक्षस दोनों के ही गुण मौजूद थे। कैकेसी और ऋषि विश्रवा के रावण के अलावा 2 और संतानें थीं कुंभकर्ण और शूर्पणखा।

सड़क मार्ग से पहुंचे बिसरख
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सड़क मार्ग से पहुंचे बिसरख

अगर आप अपने निजी वाहन या फिर टैक्सी या कैब से बिसरख जाना चाहते हैं तो बड़े ही आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। नोएडा से इसकी दूरी तकरीबन 20 किलोमीटर ही है।

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