सर्दियों में गुलाबी स्‍वर्ग बन जाती है राजस्‍थान की ये झील, दूर दूर से टिकट कटा पहुंचते हैं पर्यटक

ठंड के मौसम में राजस्‍थान घूमने का एक बड़ा बहाना आपके पास है। अगर धरती पर स्‍वर्ग वाली आभा देखना चाहते हैं तो इस जगह को परिवार के साथ या दोस्‍तों के संग विजिट करने का प्‍लान बना सकते हैं। यहां जो नजारे आपको मिलेंगे, उसके आगे तमाम खूबसूरत लोकेशंस फेल हो जाती हैं।

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कहां है ये गुलाबी स्‍वर्ग

हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वो है राजस्‍थान की सबसे बड़ी लेक जो खारे पानी से बनी है। इसका नाम है सांभर झील और यह एक मुख्‍य पर्यटक केन्‍द्र है।

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कैसे बनता है

दरअसल इस खूबसूरत झील में फ्लेमिंगो पक्षियों को देखना एक अद्भुत दृश्य होता है। ये प्रवासी पक्षी ठंड के मौसम में यहां आते हैं और इनके रंग से पूरी झील दूर तक गुलाबी चादर से ढकी जैसी नजर आती है।

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क्‍यों आते हैं पक्षी

झील का भूगोल ऐसे माहौल को बनाता है कि फ्लेमिंगो पक्षियों को यहां प्लवक और छोटे-छोटे क्रस्टेशियन के तौर पर अपना आहार मिल जाता है।

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कहां है सांभर झील

यह झील जयपुर से दक्षिण-पश्चिम दिशा में करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारे पानी की झील माना जाता है जिसमें बांडी, खारी , मेंथा , रूपनगढ़, खंडेला जैसी नदियों से पानी आता है।

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कब जाएं

प्रवासी पक्षी ठंड के मौसम में यहां आते हैं तो अक्‍टूबर से फरवरी के बीच का समय यहां घूमने के लिए बेस्‍ट रहेगा।

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पौराणिक महत्‍व

इस जगह को महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है। इसे असुरों के कुलगुरु शुक्राचार्य निवास माना जाता है। यहां शाकम्भरी देवी का मंदिर भी बना है। (pic: Facebook/Temple Connect)