जानें क्या है डार्क टूरिज्म, याद आ जाएगा 106 साल पुराना दर्द, छलक जाएंगे आंसू

Jallianwala Bagh Amritsar: इतिहास की काली सच्चाइयों से रूबरू होने के लिए पर्यटक डार्क टूरिज्म का सहारा लेते हैं। मौजूदा समय में डार्क टूरिज्म शब्द ट्रैंड में हैं। डार्क टूरिज्म क्या है इसे समझने के बाद आपको अमृतसर (पंजाब) की इस जगह जरूर जाना चाहिए जिसका जिक्र होते ही गुस्सा और बेबसी का एहसास होता है।

डार्क टूरिज्म
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​डार्क टूरिज्म​

डार्क टूरिज्म पर्यटन का एक ऐसा प्रकार है जिसमें लोग घूमने के लिए ऐसे स्थानों का चयन करते हैं जहां दुखद, त्रासदीपूर्ण और दर्दनाक घटनाएं घटी हुई होती हैं। भारत में एक ऐसी जगह मौजूद है जिसने पूरे भारत में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आक्रोश की लहर दौड़ा दी थी।

जलियांवाला बाग
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​जलियांवाला बाग​

अमृतसर, पंजाब स्वर्ण मंदिर के पास स्थित जलियांवाला बाग हर साल लाखों पर्यटकों का ध्यान खींचता है। ये वो जगह है जिसका जिक्र होते ही हर भारतीय को गुस्से और बेबसी का एहसास हो जाता है।

जलियांवाला बाग हत्याकांड
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​जलियांवाला बाग हत्याकांड​

13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में हजारों निहत्थे लोगों का नरसंहार हुआ था, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। जनरल डायर के आदेश पर उनपर गोलियां चलाई गई थीं।

भर जाएगा दिल
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​भर जाएगा दिल​

इस जगह पर यात्रा के लिए अगर आप जाते हैं, तो आपको दीवारों और कुएं में गोलियों के निशान आज भी दिखेंगे। सैकड़ों लोग खुद को बचाने के लिए कुएं में कूद पड़े थे।

पूरा वाक्या
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​पूरा वाक्या​

जनरल डायर के आदेश पर सैनिकों ने निहत्थे लोगों पर लगातार 10 मिनट तक गोलीबारी की, जब तक गोलियां खत्म नहीं हो गईं। बाग की दीवारें ऊंची थीं और सिर्फ एक ही संकरा रास्ता था जिसके चलते लोग वहां से निकल नहीं सके थे। जान बचाने के लिए लोग कुएं में कूद गए थे।

प्रमुख आकर्षण
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​प्रमुख आकर्षण​

शहीद स्मारक, दीवारों पर गोलियों के निशान, संग्रहालय (म्यूजियम) और वह कुआं आज भी मौजूद है, जिसमें लोग कूद गए थे।

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