लोहे से भी मजबूत है भारत का ये ऐतिहासिक किला, जिसे कभी नहीं जीत पाए मुगल, आज भी देखने पहुंचते हैं हजारों लोग

भारत अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए अपनी एक अलग पहचान रखता है। यहां तमाम तरह की इमारतें और किले मौजूद हैं, जो आपको भव्य ऐतिहासिक विरासत के रूबरू कराते हैं। आज एक ऐसे ही ऐतिहासिक और मजबूत किले के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

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भारत का गौरवपूर्ण इतिहास

भारत अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए दुनिया भर में एक अलग पहचान रखता है। यहां के किले और इमारतें देखने दुनिया भर के पर्यटक यहां पहुंचते हैं। आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक कोई जीत दर्ज नहीं कर सका। आइए जानते हैं उस ऐतिहासिक किले के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में..

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कहां मौजूद है किला?

अपनी मजबूत पहचान के लिए जाना जाने वाला ये किला राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में मौजूद है। यह एकमात्र ऐसा किला है जिसे कभी कोई भी सेना जीत नहीं सकी है।

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क्या है किले का नाम?

भरतपुर मे मौजूद इस अजेय किले का नाम 'लोहागढ़ किला' है। जिसका कारण है कि इस किले के सामने मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने अपनी हार मान ली थी।

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किसने बनवाया लोहागढ़ किला?

भरतपुर में मौजूद लोहागढ़ किले का निर्माण 19 फरवरी 1733 को भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने करवाया था।

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गोला बारूद का असर?

इस किले की विशेषता की बात करें तो इसे बनवाने में एक खास तरह के मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण इस पर गोला-बारूद जैसी चीजों का कोई असर नहीं होता है।

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कैसे पहुंचे लोहागढ़ फोर्ट?

देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 3 घंटे दूर मौजूद लोहागढ़ यानी भरतपुर आप रेल या बस के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।

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जरूर देखें म्यूजियम

लोहागढ़ किले में मौजूद म्यूजियम पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जहां आप 19वीं शताब्दी की कई चीजों को देख पाएंगे।