Digital Arrest: क्या है डिजिटल अरेस्ट, इससे खुदको कैसे बचाएं

Digital Arrest: दुनिया बहुत ही तेजी से डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रही है। जैसे-जैसे जीवन आसान बनाने वाली तकनीकें विकसित हो रही हैं वैसे-वैसे इन तकनीकों का गलत इस्तेमाल करने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस डिजिटल जमाने में साइबर अटैक बहुत ही आम बात है। अब हमें साइबर अटैक के भी अलग-अलग प्रकार देखने को मिल रहे हैं और इनमें सबसे खतरनाक डिजिटल अरेस्ट है। लेकिन अभी भी अधिकतर लोगों को ये नहीं पता कि डिजिटल अरेस्ट क्या है और खुदको इससे कैसे बचाते हैं।

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क्या है डिजिटल अरेस्ट?

डिजिटल अरेस्ट एक प्रकार का नया साइबर अटैक है। इस प्रकार के अटैक में अपराधी पीड़ित व्यक्ति को ये महसूस करवाते हैं कि वह एक प्रकार की वर्चुअल गिरफ्त में हैं और पीड़ित को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से खुद से कनेक्टेड रखते हैं।

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वर्चुअल गिरफ्त

अपराधी पीड़ित को पूरी तरह अपनी गिरफ्त में कैद कर लेते हैं जिसके बाद वह अपनी मांग पीड़ित के सामने रखते हैं। अपराधी पीड़ित व्यक्ति से उसका निजी डेटा और वित्तीय डेटा मांगते हैं और पीड़ित से अपनी मांग पूरी करवाते हैं।

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बचने का तरीका

डिजिटल अरेस्ट क्या है ये तो आपने जान लिया अब ये भी जान लीजिये कि आप खुदका बचाव कैसे कर सकते हैं। सबसे पहला और आसान तरीका तो ये है कि अनजान कॉल्स से सावधान रहें और कोई भी व्यक्ति अगर सरकारी अधिकारी/कर्मचारी होने का दावा करता है तो कॉल काटकर खुद से सच्चाई का पता करें।

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मजबूत पासवर्ड है जरूरी

अपने सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड मजबूत रखें। पासवर्ड कुछ ऐसा रखें जो आसानी से क्रैक न हो सके। सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं, अपने अन्य पासवर्ड्स भी ऐसे चुनें जो सिर्फ आपको पता हों और जिन्हें क्रैक करना काफी मुश्किल हो।

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टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन

डिजिटल अरेस्ट से बचना चाहते हैं तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन आपकी काफी मदद कर सकता है। अपने सोशल मीडिया से लेकर बैंक अकाउंट और बैंकिंग ऐप तक में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें। इससे किसी भी प्रकार के साइबर अटैक का शिकार बनने का आपका रिस्क कम हो जाता है।