ट्रेन के नंबर में छुपा होता है ये सीक्रेट, यात्रा से पहले जान लें मतलब
IRCTC: भारतीय रेलवे लंबाई के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेल नेटवर्क पर रोजाना 13000 ट्रेने चलती हैं। ट्रेनों को एक अलग और विशिष्ट पहचान देने के लिए उन्हें नंबर दिया जाता है। जब भी कोई यात्री टिकट बुक करता है तो उसपर भी यह नंबर लिखा होता है। रेलवे स्टेशन पर होने वाली अनाउंसमेंट भी पहले ट्रेन नंबर बताती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ट्रेन नंबर में भी सीक्रेट जानकारी होती है जिसके बारे में आम लोगों को नहीं पता होता? आज हम आपको रेलवे के इस सीक्रेट के बारे में बताने जा रहे हैं।
भारतीय रेलवे
भारतीय रेलवे लंबाई के मामले में दुनिया में चौथे तो रोजाना यात्रीयों की संख्या में दुनिया में पहले स्थान पर है। रोजाना 13000 पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं जिनसे करोड़ों यात्री सफर करते हैं। ट्रेनों को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए उन्हें 5 अंकों वाला एक नंबर दिया जाता है। यह नंबर ट्रेन टिकट पर भी लिखा होता है और स्टेशन पर ट्रेन की अनाउंसमेंट भी इसी नंबर से होती है।
क्या आप जानते हैं?
क्या आप जानते हैं कि ट्रेन के इस नंबर का मतलब क्या होता है? ट्रेन के यह नंबर दरअसल एक तरह का कंबाइंड कोड होता है जिसमें सीक्रेट जानकारी होती है। इस नंबर से आप ट्रेन के बारे में बहुत सी जरूरी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं ट्रेन के नंबर में क्या सीक्रेट छुपा होता है।
पहले अंक का मतलब जान लें
अगर ट्रेन का पहला अंक 1 या 2 है तो यह लंबी दूरी वाली ट्रेन है। राजधानी, शताब्दी, संपर्क क्रान्ति और दुरंतो ट्रेनों के नंबर अक्सर इन्हीं अंकों से शुरू होते हैं। अगर शुरुआती नंबर 3 है तो यह कोलकाता की सब-अर्बन ट्रेन है, 4 है तो यह दिल्ली/हैदराबाद/चेन्नई की सब-अर्बन ट्रेन है।
ये सीक्रेट भी जान लें
अगर ट्रेन के नंबर का पहला अंक 5 है तो यह पारंपरिक डब्बों वाली कोई ट्रेन है, 6 नंबर का इस्तेमाल MEMU (लोकल ट्रेनों) के लिए, 7 नंबर का इस्तेमाल DMU ट्रेनों और रेलकार के लिए, 8 नंबर का इस्तेमाल सुविधा एक्सप्रेस ट्रेनों और 9 नंबर मुंबई की सब-अर्बन ट्रेनों और वंदे मेट्रो ट्रेनों के लिए होता है।
दूसरे, तीसरे और चौथे पांचवें अंक का सीक्रेट
किसी भी ट्रेन का नंबर 5 अंकों का होता है। पहले नंबर का सीक्रेट तो आपने जान लिया अब हम आपको दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें अंक का मतलब बताने जा रहे हैं। किसी भी ट्रेन का दूसरा और तीसरा अंक रेलवे का जोनल या डिविजनल कोड होता है। वहीं ट्रेन नंबर का चौथा और पांचवां अंक, ट्रेन का सीरियल नंबर होता है।
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