​Ajab Gajab: जिराफ की तरह लंबी होती हैं इन औरतों की गर्दन, गर्दन में छल्ले की पीछे छिपी है खास वजह

Ajab Gajab: दुनिया में कई देश हैं जहां पर अलग-अलग मान्यताएं हैं। हर जगह अलग-अलग जनजातियां रहती हैं, जो कि प्राचीन मान्यताओं का पालन करती आ रही हैं। म्यांमार में भी एक ऐसी ही जनजाति रहती है। जहां औरतें अपनी गर्दन पर छल्‍ले पहनती हैं, जिसकी वजह से उनकी गर्दन जिराफ जैसी लंबी होती है। आज हम आपको बताएंगे ये महिलाएं गर्दन पर छल्‍ले क्‍यों पहनती हैं ?

म्यांमार की कायन जनजाति
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​म्यांमार की कायन जनजाति​

अल जज़ीरा न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, इस जनजाति का नाम है कायन जनजाति। जो कि, पीतल के बने छल्ले गर्दन पर पहनती है। इसमें नीचे सबसे बड़े आकार के छल्ले होते हैं और उसके ऊपर घटते क्रम में ये छल्ले पहने जाते हैं। कम उम्र से छल्‍ले पहनने के कारण उनकी गर्दन का आकार सुराहीनुमा हो जाता है।

इस तरह हुई शुरुआत
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​इस तरह हुई शुरुआत​

एक समय था जब माना जाता था कि, जिस महिला की गर्दन लंबी होगी, वो बदसूरत दिखेगी और उसे दूसरी जनजाति के लोग अगवा नहीं करेंगे। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए वे गर्दन लंबी करने लगीं।

ये है वजह
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​ये है वजह​

मान्यता है कि, महिलाओं की जितनी पतली और लंबी गर्दन होगी, वो उतनी ही खूबसूरत लगेंगी। दावा है कि, ब्रास के छल्ले 20 किलो तक भारी होते हैं।

ये भी मान्यता
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​ये भी मान्‍यता​

एक मान्यता ये भी है कि इन महिलाओं के गांव में सदियों से बाघ पाए जाते हैं जो इंसान की गर्दन पर हमला करते हैं इसलिए यहां की महिलाओं ने गले को छल्लों से ढकना शुरू कर दिया।

कम्र से छल्ले पहनतीं
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​कम्र से छल्‍ले पहनतीं​

रिपोर्ट्स में दावा मिलता है कि, 5-6 साल की उम्र से है बच्चियां गर्दन पर रिंग पहनने लगती हैं। ये रिंग 20 हजार रुपये तक आती है जिसे आजकल लड़कियां पहनना पसंद नहीं करतीं, लेकिन परंपरा बनाए रखने के लिए वे सिंगल छल्‍ला गले में डाल लेती हैं। (खबर में दी गई जानकारी वायरल दावों पर आधारित है, टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।) और पढ़ें

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