​Bangladesh का राष्‍ट्रगान लिखने वाले इस महान भारतीय को जानते हैं आप, नाम सुनकर चौंक जाएंगे

Bangladesh News: 'जन, गण, मन अधिनायक जय हे'... राष्‍ट्रगान के ये शब्‍द सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वर्तमान में हिंसाग्रस्‍त पड़ोसी देश बांग्‍लादेश में भी ठीक इसी प्रकार उनका अपना राष्‍ट्रगान गाया जाता है, लेकिन क्‍या आपको पता है भारत और बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रगान में एक चीज कॉमन है ? अगर आप उस कॉमन चीज के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको आज उसके बारे में बता ही देते हैं:

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​बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट​

भारत के पड़ोसी देश बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट हो चुका है। बांग्‍लादेश में हिंसा के कारण पिछले कई दिनों में तमाम लोग अपनी जानें गंवा चुके हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्‍तीफा देकर देश भी छोड़ चुकी हैं। इतना होने के बाद अब देश का नियंत्रण बांग्‍लादेशी सेना के हाथ में आ चुका है। बहरहाल, हम आपको बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रगान से जुड़ी खास बात बताते हैं।

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​बांग्‍लादेश का राष्‍ट्रगान​

बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' (আমার সোনার বাংলা) है। इसे साल 1905 में बंगाल के पहले विभाजन के दौरान लिखा गया था. उस समय अंग्रेज़ों ने धर्म के आधार पर बंगाल को दो हिस्सों में बांट दिया था।

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1972 में अपनाया गया

'आमार सोनार बांग्ला'....इस गीत की पहली दस पंक्तियों को साल 1972 में बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था।

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​भारत और बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रगान में कॉमन चीज​

अब आप सोच रहे होंगे कि, भला भारत और बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रगान में कौन सी चीज कॉमन हो सकती है। दरअसल, भारत और बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रगान में कॉमन चीज है इनके रचयिता का नाम यानी गुरुदेव रबीन्‍द्रनाथ टैगोर।

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​महान भारतीय 'गुरुदेव'​

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें 'गुरुदेव' के नाम से भी जाना जाता है। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूंकने वाले युगदृष्टा वे ही थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं।