International Equal Pay Day 2024: अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस पर जानें दुनिया में समान कार्य के लिए महिलाओं और पुरुषों के वेतन में कितना है अंतर
International Equal Pay Day 2024: कब होता है अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस? इस मौके पर जानें यदि समान कार्य को करने पर पुरुष और महिला की सैलरी में कितना अंतर है। क्या है अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस 2024 (image - canva)
International Equal Pay Day 2024: अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस हर साल 18 सितंबर को मनाया जाता है। यह महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले समान कार्य के लिए समान वेतन के अंतर को कम करने के लिए किए गए प्रयासों को लेकर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पुरुषों और महिलाओं के बीच वेतन अंतर को समाप्त करना है। अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक वैश्विक स्तर पर महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 20 प्रतिशत कम वेतन मिलता है।
पहली बार कब मनाया गया अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस, International Equal Pay Day History
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 15 नवंबर, 2019 को (International Equal Pay Day History) पहली बार 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने की घोषणा की थी। यूएनजीए के 74वें सत्र में अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। यह प्रस्ताव 105 सदस्य देशों द्वारा सह-प्रायोजित था। इसके बाद सदस्य देशों की सहमति के बाद इसे मनाने का फैसला लिया गया। उसके बाद से हर साल 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2020 से इसे लगातार मनाया जा रहा है।
पुरुषों और महिलाओं की सैलरी में भारी अंतर, International Equal Pay Day 2024
पूरी दुनिया में पुरुषों और महिलाओं के वेतन में भारी अंतर देखने को मिलता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, वर्कस्टेशन पर वेतन के मामले में महिलाओं के साथ आज के दौर में भी भेदभाव होता है। महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले औसतन अधिक कार्य करना पड़ता है। UN द्वारा 2020 में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव को खत्म करने में करीब 257 साल का समय लग सकता है।
रिपोर्ट
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पुरुषों और महिलाओं के बीच वेतन में अंतर को कम करने के लिए अभी भी करीब 100 साल का समय लगेगा।
अधिकतर देश हैं पुरुष प्रधान
दुनियाभर में अधिकतर देश पुरुष प्रधान हैं, जिस वजह से महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम आंका जाता है, लेकिन अब समय बदल गया है। सभी क्षेत्रों में महिलाएं तेजी से आगे आ रही हैं। इन्हीं बातों को ध्यान रखते हुए हर साल 18 सितंबर को यूएन की ओर से अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिससे लैंगिक भेदभाव को कम किया जा सके।
(IANS इनपुट के साथ)
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