Lucknow University: UGC NET व PhD के बिना होगी लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षक की भर्ती

Lucknow University Professor Vacancy: लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पद पर भर्ती आई है। नई शिक्षा नीति के तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना की पहल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने की है।

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UGC NET व PhD के बिना होगी लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षक की भर्ती

Lucknow University Professor Vacancy in Hindi: यूजीसी के निर्देश पर होने जा रही है प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पदों पर नियुक्ति। लाइव हिंदुस्तान के अनुसार, अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ लखनऊ विश्वविद्यालय में आकर पढ़ा सकेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना की पहल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने की है। जानें क्या है पूरी खबर

इस पहल से विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान भी मिले सकेगा। आज 31 जुलाई को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में फैसला होना था। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में इंजीनियरिंग, विज्ञान, उद्योग, वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान, मीडिया, साहित्य व कला क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हो सकते हैं।

UGC NET व PhD जरूरी नहीं, क्या है प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस

प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस से मतलब है कि ऐसे कुशल लोग जो अपने मूल व्यवसाय से शिक्षक नहीं हैं और न ही उनके पास विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए पीएचडी या यूजीसी नेट जैसी योग्यता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय ऐसे लोगोंं के अनुभव का इस्तेमाल करना चाह रहा है, जिससे छात्रों को पढ़ाने के लिए नए लोगों को लिया जाए और छात्रों को नया सीखने को नए सिरे से मिले।

प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस छात्रों को ऐसे विषय पढ़ाएंगे, जिसमें उनका लंबा प्रोफेशनल अनुभव है।

Lucknow University Professor Recruitment, दो साल पहले आई थी योजना

देश के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों की पढ़ाई को स्किल से जोड़ने के लिए UGC दो साल पहले प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (PoP) नाम की योजना लाई थी। इस योजना को लाने का उद्देश्य इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स को लाना था। अगर कोई किसी कंपनी का सीईओ या एमडी है, लेकिन संबंधित क्षेत्र में लंबा प्रोफेशनल अनुभव रखता है तो वो भी प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (PoP) के लिए आवेदन कर सकेगा।

इस योजना के तहत बिना UGC NET या PHD किए सीधा प्रोफेसर बना जा सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा को स्किल बेस्ट एजुकेशन से जोड़ने पर जोर दिया गया है। इसलिए यूजीसी पीओपी के जरिए उच्च शिक्षा में प्रैक्टिशनर, पॉलिसी मेकर्स, स्किल प्रोफेशनल्स की एंट्री कराकर इसका स्तर सुधारना चाहता है।

माना जा रहा है पीओपी कॉन्ट्रेक्ट आधारित होगा, शुरू में यह कॉन्ट्रेक्ट एक वर्ष तक के लिए हो सकता है। हालांकि यह जल्द ही स्पष्ट कर दिया जाएगा। अभी तक की जानकारी के अनुसार, किसी संस्थान में PoP की सेवा की अधिकतम अवधि तीन वर्ष से अधिक नहीं होगी और असाधारण मामलों में इसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

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नीलाक्ष सिंह author

उत्तर प्रदेश की राजधानी, नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं। स्कूली शिक्षा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री सब इसी शहर से प्राप्त की। मीडिया क्ष...और देखें

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