14 July 2024 Panchang: आज की तिथि, नक्षत्र, योग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, प्रदोष काल समेत पूरा पंचांग यहां देखें
14 July 2024 Panchang: पंचांग अनुसार आज आषाढ़ नवरात्रि की अष्टमी है। योग सिद्ध और नक्षत्र चित्रा रहेगा। जानिए आज का पूरा पंचांग।
14 July 2024 Panchang In Hindi
14 July 2024 Panchang: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शाम 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी लग जाएगी। जिन लोगों ने गुप्त नवरात्रि के व्रत रखे हैं वो आज अष्टमी मनाएंगे। आज चंद्र देव सुबह 8:43 तक कन्या में रहेंगे इसके बाद तुला में प्रवेश कर जायेंगे। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:58 से दोपहर 12:47 तक रहेगा। जानिए आज का पूरा पंचांग।
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14 July 2024 Panchang
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081 माह-आषाढ़ ,शुक्ल पक्ष
तिथि-- अष्टमी 05:25pm तक फिर नवमी
व्रत- गुप्त नवरात्रि व्रत
दिवस-रविवार
सूर्योदय-05:22am सूर्यास्त-07:20pm
नक्षत्र- चित्रा 10:09pm तक फिर स्वाती
चन्द्र राशि- कन्या राशि,स्वामीग्रह-बुध 08:43 am तक फिर तुला,स्वामीग्रह -शुक्र
सूर्य राशि- मिथुन ,स्वामी -बुध
करण- बव 05:37 pm तक तत्पश्चात बालव
योग- शिव 05:17 am तक फिर सिद्ध
शुभ मुहूर्त
अभिजीत-11:58am से 12:47 pm
विजय मुहूर्त-02:24pm से 03:24 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:31 pm से 07:25 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:15am से 05:08am तक
अमृत काल-06:08am से 07:56am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:52 से 12:41 तक रात
संध्या पूजन-06:35 pm से 07:30pm तक
दिशा शूल ---पश्चिम दिशा।इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त--राहुकाल -सायंकाल बजे से 04:30 बजे से 06 बजे तक
क्या करें- शक्ति पर्व गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि का पावन व्रत रहें। माता जगतजननी दुर्गा को मीठा, पूड़ी लाल पुष्प,लौंग व नारियल अर्पित करें ।माता बंगलामुखी जगत माता हैं। वह कल्याण करती हैं। गुप्त नवरात्रि व्रत बहुत ही फलदायी है। धन व यश प्राप्ति के लिए माता बंगलामुखी जी की उपासना बहुत उत्तम है। आज सप्त अन्न,फल व वस्त्र के दान का बहुत महत्व है। आज का उपवास निराजल ,फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा। काली मन्दिर में प्रसाद अर्पित करें। बंगलामुखी व प्रत्यंगिरा मंन्त्र व अनुष्ठान का यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। माता पीतांबरा का दर्शन करें। किसी भी शिव मंदिर परिसर में पीपल का पेड़ लगाएं। मन्दिर में अखंड श्री रामचरितमानस पाठ भी बहुत महत्व है। शिवपुराण व दुर्गासप्तशती का पाठ करें। काली मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं। गो माता को पालक व गुड़ खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। अन्न का दान करें। माता दुर्गा के बत्तीस नाम के जप से कई जन्मों के पापों का शमन होता है। इस समय तांत्रिक पूजाओं का बहुत महत्व है। श्रद्धा व समर्पण पूर्वक माता दुर्गा जी की स्तुति करें।
क्या न करे-गुप्त नवरात्र में दान गोपनीय करें। किसी को प्रदर्शित दान ईश्वर द्वारा अस्वीकृत होता है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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