16 Somvar Vrat Katha In Hindi: 16 सोमवार व्रत कथा से जानिए इस व्रत का महत्व

16 Somvar Vrat Katha: सोमवार व्रत कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव के साथ चौसर खेल खेलने की इच्छा जताई। माता पार्वती ने पुजारी से पूछा कि बताइए इस खेल में जीत किसकी होगी पुजारी ने बिना सोचे समझे महादेव के जीतने की बात कह दी। जिस पर माता पार्वती ने पुजारी को श्राप दिया।

Solah Somvar Vrat Katha In Hindi: जानिए शिव-पार्वती के चौसर खेलने की कथा

Solah Somvar Vrat Katha In Hindi: हिंदू धर्म में सोमवार व्रत का काफी महत्व माना जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से विधि विधान 16 सोमवार व्रत करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस व्रत का प्रारंभ सावन के सोमवार से, चैत्र, वैशाख, कार्तिक और माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से भी किया जा सकता है। जो व्यक्ति भी इस व्रत को करता है उसके लिए सोमवार व्रत की कथा पढ़ना जरूरी माना जाता है। यहां जानिए सोलह सोमवार व्रत कथा हिंदी में।

सोलह सोमवार व्रत की कथा हिंदी में (Solah Somvar Vrat Ki Katha In Hindi)

जब भ्रमण करते हुए शिव पार्वती मृत्युलोक पहुंचे

एक समय की बात है जब महादेवजी अपनी पत्नी पार्वती जी के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक के अमरावती नगरी में आए थे। वहां के राजा ने भव्य शिव मंदिर बनवाया था। भ्रमण करते सम शिव-पार्वती भी वहां ठहर गए।

पार्वती माता ने चौसर खेलने की इच्छा जताई

पार्वतीजी ने भगवान शिव से कहा- हे नाथ! आओ, चौसर-पांसे खेलें। खेल प्रारंभ हो गया। शिवजी ने कहा कि पार्वती मैं ही जीतूंगा। इस प्रकार उनकी आपस में वार्तालाप होने लगी। उस समय एक पुजारी जी पूजा करने आए। पार्वतीजी ने पुजारी से पूछा कि बताइए जीत किसकी होगी? पुजारी ने कहा कि इस खेल में महादेव ही जीतेंगे क्योंकि उनके समान इस खेल में दूसरा कोई पारंगत नहीं हो सकता।

End Of Feed