20 September 2024 Panchang: पंचांग से जानिए पितृ पक्ष के तीसरे श्राद्ध का मुहूर्त क्या रहेगा और राहुकाल कब लगेगा
20 September 2024 Panchang: 20 तारीख को पितृ पक्ष का तृतीया श्राद्ध है। इसे तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे इस दिन का पूरा पंचांग राहुकाल, अभिजित मुहूर्त और श्राद्ध मुहूर्त समेत।
20 September 2024 Panchang In Hindi
20 September 2024 Panchang: इस दिन आश्विन कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि रात 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस दिन पितृ पक्ष का तीसरा श्राद्ध मनाया जाएगा। श्राद्ध के लिए कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। कहते हैं इन मुहूर्तों में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। चलिए जानते हैं 20 तारीख को पितृ पक्ष के तीसरे श्राद्ध का मुहूर्त क्या रहेगा, राहुकाल कब से कब तक रहेगा और अभिजित मुहूर्त क्या रहने वाला है।
Pitru Paksha 2024 Tritiya Tithi Shradh Muhurat (पितृ पक्ष 2024 तृतीया तिथि श्राद्ध मुहूर्त)
तृतीया श्राद्ध | 20 सितंबर 2024, शुक्रवार |
कुतुप मूहूर्त | 11:50 ए एम से 12:39 पी एम |
रौहिण मूहूर्त | 12:39 पी एम से 01:27 पी एम |
अपराह्न काल | 01:27 पी एम से 03:54 पी एम |
तृतीया तिथि प्रारम्भ | 20 सितम्बर 2024 को 12:39 ए एम बजे |
तृतीया तिथि समाप्त | 20 सितम्बर 2024 को 09:15 पी एम बजे |
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-आश्विन ,कृष्ण पक्ष
तिथि- द्वितीया व्रत- पितृ पक्ष श्राद्ध तृतीया
दिवस-शुक्रवार
सूर्योदय-06:07am
सूर्यास्त-06:38pm
नक्षत्र- रेवती
चन्द्र राशि -- मीन राशि
सूर्य राशि- कन्या राशि
करण- गरज
योग- ध्रुव
20 सितंबर 2024 शुभ मुहूर्त (20 September 2024 Shubh Muhurat)
अभिजीत-11:55pm से 12:23 pm तक
विजय मुहूर्त-02:29pm से 03:21 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:20 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:04m से 05:05am तक
अमृत काल-06:06am से 07:51am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:47 से 12:21 तक रात
संध्या पूजन-06:21 pm से 07:04pm तक
दिशा शूल --साउथ दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त--राहुकाल--प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक
क्या करें-क्या ना करें- आश्विन माह कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। पितृ पक्ष चल रहा है। आज तृतीया श्राद्ध दिवस है। अपने पितरों का श्राद्ध अवश्य करें। वैभव लक्ष्मी व्रत रख सकते हैं। भगवान विष्णु कल्याणकारी व पालनकर्ता हैं। वह संकटों का नाश करते हैं। किसी भी कार्य के पूर्ण करने वाला व्रत गुरुवार ही है। वैभव लक्ष्मी व्रत नियम पूर्वक करना होता है। दिन भर उपवास में विष्णु जी व माता लक्ष्मी जी की उपासना की जाती है। आज संकल्प करें कि हम धार्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। कुछ संत निराजल व्रत रखकर उपासना करते हैं व सायंकाल भोजन वो भी फलाहार व्रत रखते हैं। श्री सूक्त का पाठ करें। आज आपका भोजन फलाहारी हो। कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान कराएं। श्री कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी करें। पितृ पक्ष में श्री मद्भागवत कथा का श्रवण करें। पितृ पक्ष में नियमित पितरों का श्राद्ध करें। गाय को रोटी, गुड़ व भोजन दें। कौवे को नित्य भोजन दें। पुरखों का श्राद्ध अवश्य करें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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