Vat Purnima 2023 Puja Vidhi: सुहागिन इस विधि से संपन्न करें सिद्ध वट पूर्णिमा व्रत, देखें पुरी पूजा विधि व सामग्री लिस्ट
Vat Purnima 2023 Puja: ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल वट पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। देखें वट पूर्णिमा व्रत कब और कैसे रखें, व्रत की पूजा विधि और सामग्री क्या रहेगी।
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Vat Purnima 2023 Puja: सनातन धर्म में पूजा, व्रत और कथा का बहुत महत्व होता है, जिन्हें विधिवत पूरा करने से प्रभु ईश्वर जातकों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को भी सिद्ध वट पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। जिस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख, शांति और खुशहाल शादीशुदा जीवन के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में दो वट सावित्री आती है, और वट सावित्री पूर्णिमा का विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में ज्यादा महत्व होता है। व्रत कोई भी उसे विधि पूर्वक तरीके से पूरा करना बहुत जरूरी होता है, इसलिए यहां देखें वट पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि और पूजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की लिस्ट।
वट पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि, Vat Purnima Puja vidhi
केवल वट पूर्णिमा का व्रत करना ही नहीं बल्कि व्रत को विधिपूर्वक संपन्न करना आवश्यक है। यहां देखें वट पूर्णिमा की पूजा विधि, जिसके अनुसार व्रत का पूजन करने से आपका व्रत खंडित नहीं होगा -
- वट सावित्री पूर्णिमा के व्रत में वट वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़े का पूजन होता है, मान्यता है कि इस वृक्ष में स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजमान रहते हैं। इसलिए वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत रखना है, वट वृक्ष तलाश लें।
- वट वृक्ष के नीचे सावित्री और सत्यवान के यमराज की प्रतिमा या मिट्टी की मूर्तियों को स्थापित करें।
- मूर्तियों को सच्चे मन से स्थापित करने के बाद, वट वृक्ष की जड़ों में पानी डालें।
- पूजा के लिए आपको वट वृक्ष के तने की परिक्रमा लेनी होगी, सुहागिने हाथ में कच्चा सूत पकड़े और फिर ही वट वृक्ष की परिक्रमा करें। ऐसा करने से ही आपका व्रत सिद्ध माना जाएगा, ध्यान रखें कि परिक्रमा तीन बार ही लेनी होगी।
- परिक्रमा कर हाथ में काले चने लें और फिर मुट्ठी में काले चने लेकर सावित्री और सत्यवान की कथा सुने।
- कथा समाप्त होने के बाद प्रसाद अवश्य ग्रहण करें और साथ ही मुट्ठी के चने, गुड, वस्त्र और कुछ पैसे अपनी सास को दे दें। सास नहीं है, तो आप सास समान दूसरी स्त्री को भी ये चीज़े भेंट कर सकते हैं।
- कथा और दान कर बड़ों का आशीर्वाद लें, और मुहूर्त के अनुसार ही अपना व्रत खोलें।
वट पूर्णिमा पूजा सामग्री, Vat purnima 2023 puja samagri list
पूजा को विधिपूर्वक संपन्न करने हेतु व्रट पूर्णिमा के लिए देखें पूजा की पुरी सामग्री -
- बांस की टोकरी या बेंत की टोकरी
- सावित्री और सत्यवान की मूर्तियां या मिट्टी की गुड़िया
- मिट्टी का दीया
- घी, तिल या सरसों का तेल
- कपास की बाती
- धूप
- पुष्प
- रोली
- कुमकुम
- कच्चा सूत
- कलावा
- पान और सुपारी
- फल
- नए कपड़े
- बताशे
- चंदन, अक्षत
- कलश
सुहाग सामग्री के रूप में वट पूर्णिमा का व्रत रखने वाली सुहागिनों को मेहंदी, चूड़ियां, पायल, बिछुड़ी, साड़ी, बिंदी, आलता, नथ, लाल चुनरी आदि भी तैयार रखनी होगी।
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अवनि बागरोला author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की...और देखें
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