23 September 2024 Panchang: आज षष्ठी और सप्तमी श्राद्ध एक साथ, नोट कर लें पूजा मुहूर्त, राहुकाल और अन्य शुभ-अशुभ मुहूर्त
23 September 2024 Panchang In Hindi: पंचांग अनुसार इस दिन आश्विन कृष्ण पक्ष की षष्ठी और सप्तमी दोनों तिथियों का योग बन रहा है। इसलिए इस दिन षष्ठी और सप्तमी दोंने श्राद्ध एक साथ मनाए जाएंगे। चलिए जानते हैं 23 सितंबर का पूरा पंचांग।

23 september 2024 panchang
23 September 2024 Panchang In Hindi: 23 तारीख को षष्ठी तिथि दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। इसके बाद सप्तमी लग जाएगी। सूर्य देव कन्या राशि में विराजमान रहेंगे तो चंद्र देव वृषभ राशि में गोचरत रहेंगे। राहुकाल सुबह 07.30 बजे से 09 बजे तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। चलिए जानते हैं 23 तारीख का पूरा पंचांग।
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23 सितंबर 2024 पंचांग इन हिंदी
संवत---पिङ्गला
विक्रम संवत 2081
माह-आश्विन ,कृष्ण पक्ष
तिथि- खष्ठी,01:51pm तक फिर सप्तमी
व्रत- पितृ पक्ष श्राद्ध खष्ठी,सोमवार व्रत
दिवस-सोमवार
सूर्योदय-06:08am
सूर्यास्त-06:33pm
नक्षत्र- रोहिणी 10:09pm तक फिर मृगशिरा
चन्द्र राशि -- वृष राशि
सूर्य राशि- कन्या राशि
करण- वणिज 01:51pm तक फिर विष्टि
योग- सिद्धि
23 सितंबर 2024 शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग- 10:07 PM से 06:11 AM, सितम्बर 24
रवि योग- 06:10 AMम से 10:07 PM
23 सितंबर 2024 श्राद्ध मुहूर्त
कुतुप मूहूर्त - 11:49 AM से 12:37 PM
रौहिण मूहूर्त - 12:37 PM से 01:26 PM
अपराह्न काल - 01:26 PM से 03:51 PM
23 सितंबर 2024 शुभ मुहूर्त
अभिजीत-11:54pm से 12:23 pm तक
विजय मुहूर्त-02:29pm से 03:22 pm तक
गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:21 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त-4:05m से 05:05am तक
अमृत काल-06:06am से 07:48am तक
निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:44 से 12:21तक रात
संध्या पूजन-06:21 pm से 07:04pm तक
दिशा शूल -पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त-राहुकाल--प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 बजे तक
क्या करें-क्या ना करें- आश्विन माह कृष्ण पक्ष की खष्ठी तिथि है। पितृ पक्ष चल रहा है। आज खष्ठी श्राद्ध दिवस है। अपने पितरों का श्राद्ध अवश्य करें। आज साप्ताहिक सोमवार व्रत रख सकते हैं। शिव उपासना करें। भगवान शिव कल्याणकारी ,संकटहर्ता व पालनकर्ता हैं। वह संकटों का नाश करते हैं।शंकर जी की उपासना से सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं। सुबह जलाभिषेक के बाद दिन भर उपवास में भगवान शिव जी की उपासना की जाती है। आज संकल्प करें कि हम धार्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। कुछ संत निराजल व्रत रखकर भोले नाथ जी की उपासना करते हैं व सायंकाल भोजन वो भी फलाहार व्रत रखते हैं। शिवपुराण का पाठ करें। आज आपका भोजन फलाहारी हो। कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान कराएं। शरीर स्वस्थ रखने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। पितृ पक्ष में श्री मद्भागवत कथा व गीता का श्रवण करें। पितृ पक्ष में नियमित पितरों का श्राद्ध करें। गाय को रोटी, गुड़ व भोजन दें। कौवे को नित्य भोजन दें। श्राद्ध पक्ष में नियमित तर्पण करें व तिथि के दिन श्राद्ध अवश्य करें। पिता, माता, गुरु व बड़े भाई का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। दुर्गासप्तशती का पाठ अत्यंत लाभ करेगा। पुरखों का श्राद्ध अवश्य करें।
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