24 September 2024 Panchang: पंचांग से जानिए महालक्ष्मी व्रत और जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल

24 September 2024 Panchang: पंचांग अनुसार इस दिन जितिया व्रत मनाया जाएगा। इसके अलावा महालक्ष्मी व्रत का समापन होगा। चलिए जानते हैं दिन भर के सभी शुभ-अशुभ मुहूर्त।

24 September 2024 Panchang

24 September 2024 Panchang

24 September 2024 Panchang: इस दिन आश्विन कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगी इसके बाद अष्टमी लग जाएगी। पंचांग अनुसार इस दिन महालक्ष्मी व्रत का समापन होगा। तो वहीं कई जगह इस दिन जितिया व्रत रखा जाएगा। जितिया व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे तो चंद्र देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। जानिए 24 सितंबर का पूरा पंचांग।

Jitiya Puja Vidhi

जितिया पूजा मुहूर्त 2024 (Jitiya Puja Muhurat 2024)

मिथिला पंचांग के अनुसार जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 24 सितंबर 2024 की शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।

24 सितंबर 2024 पंचांग (24 September 2024 Panchang)

संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081

माह-आश्विन ,कृष्ण पक्ष

तिथि- सप्तमी 12:39 pm तक तत्पश्चात अष्टमी

व्रत- पितृ पक्ष श्राद्ध सप्तमी ,मंगलवार व्रत

दिवस-मंगलवार

सूर्योदय-06:12am

सूर्यास्त-06:16pm

नक्षत्र- मृगशिरा 09:55pm तक फिर आद्रा

चन्द्र राशि -- वृष राशि

सूर्य राशि- कन्या राशि

करण- बव 12:31pm तक फिर बालव

योग- व्यतिपात

24 सितंबर 2024 शुभ मुहूर्त (24 September 2024 Shubh Muhurat)

अभिजीत-11:54pm से 12:23 pm तक

विजय मुहूर्त-02:29pm से 03:22 pm तक

गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:21 pm तक

ब्रम्ह मुहूर्त-4:05m से 05:05am तक

अमृत काल-06:06am से 07;48am तक

निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:44 से 12:21तक रात

संध्या पूजन-06:21 pm से 07:04pm तक

दिशा शूल -उत्तर व उत्तर-पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त--राहुकाल--दोपहर 03 बजे से सायंकाल 04:30 बजे तक

क्या करें-क्या ना करें- आश्विन माह कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। पितृ पक्ष चल रहा है। आज सप्तमी श्राद्ध दिवस है। अपने पितरों का श्राद्ध अवश्य करें। आज साप्ताहिक मंगलवार व्रत रख सकते हैं। हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान जी संकटहर्ता व उनकी भक्ति कल्याणकारी हैं। वह संकटों का नाश करते हैं। हनुमान जी की उपासना से सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं। सुबह मन्दिर में हनुमान जी के दर्शन के बाद दिन भर उपवास में हनुमान जी की उपासना की जाती है। आज संकल्प करें कि हम धार्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे।अच्छे मार्ग पर चलेंगे। सायंकाल भोजन वो भी फलाहार व्रत रखते हैं।सुंदरकांड का पाठ करें। आज आपका भोजन फलाहारी हो। कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान कराएं। शरीर स्वस्थ रखने के लिए हनुमान बाहुक का पाठ करें। सुंदरकांड का श्रवण करें। पितृ पक्ष में नियमित पितरों का श्राद्ध करें। गाय को रोटी, गुड़ व भोजन दें। कौवे को नित्य भोजन दें। श्राद्ध पक्ष में नियमित तर्पण करें व तिथि के दिन श्राद्ध अवश्य करें। पिता, माता ,गुरु व बड़े भाई का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। दुर्गासप्तशती का पाठ अत्यंत लाभ करेगा। मंगलवार को हनुमान जी के मन्दिर में उनको पान का बीड़ा व पीपल के पत्ते पर राम राम लिखकर माला पहनाएं। पुरखों का श्राद्ध अवश्य करें। विहंगों व कौए को भोजन देना मत भूलें।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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