26 September 2024 Panchang: पंचांग से जानिए क्या होगा जितिया व्रत के पारण का समय, कब से कब तक रहेगा राहुकाल का समय
26 September 2024 Aaj Ka Panchang: आश्विन मास की नवमी तिथि के दिन जितिया व्रत का पारण किया जाएगा। आज के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर किया जाएगा। आइए जानें आज का पूरा पंचांग (Today Panchang)।
26 September 2024 Panchang
26 September 2024 Aaj Ka Panchang (26 सितंबर 2024 पंचांग): आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के दिन पितृ पक्ष की नवमी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। इस दिन जितिया व्रत का पारण किया जाएगा। आज के दिन पुनर्वसु 11:37 नक्षत्र रहेगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र रहेगा। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। राहुकाल का समय दोपहर 01:30 बजे से सायंकाल 03 बजे तक रहेगा। अब जानिए आज का पूरा पंचांग।
जितिया व्रत का पारण कब होगा 2024 (Jitiya Vrat Paran Time 2024)
जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 12 मिनट को होगा।
26 September 2024 Today Panchang (26 सितंबर 2024 आज का पंचांग)संवत--पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-आश्विन ,कृष्ण पक्ष
तिथि- अष्टमी व्रत- पितृ पक्ष श्राद्ध नवमी ,नवमी व्रत
दिवस-गुरुवार
सूर्योदय-06:15am
सूर्यास्त-06:02pm
नक्षत्र-पुनर्वसु 11:37 pm तक फिर पुष्य
चन्द्र राशि -स्वामी ग्रह -बुध 05:15 pm तक फिर कर्क,- स्वामी ग्रह-चन्द्रमा
सूर्य राशि- कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध
करण= गरज 12:23pm तक फिर वणिज
योग:- परिघ 11:41pm तक तत्पश्चात शिव
आज का शुभ मुहूर्त
1अभिजीत-11:57 am से 12:35 pm तक
2विजय मुहूर्त-02:26pm से 03:23 pm तक
3गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:23 pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:04m से 05:05am तक
5अमृत काल-06:08am से 07;48am तक
6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:45 से 12:21तक रात
संध्या पूजन-06:26 pm से 07:04pm तक
दिशा शूल -साउथ दिशा । इस दिशा में यात्रा से बचें।दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
आज का अशुभ मुहूर्त
राहुकाल-दोपहर 01:30 बजे से सायंकाल 03 बजे तक
क्या करें-आश्विन माह कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। पितृ पक्ष चल रहा है। आज नवमी श्राद्ध दिवस है। अपने पितरों का श्राद्ध अवश्य करें। आज नवमी व्रत रख सकते हैं। भगवान विष्णु जी की उपासना करें।विष्णु जी पालनकर्ता, संकटहर्ता हैं। उनकी भक्ति कल्याणकारी हैं। वह संकटों का नाश करते हैं।विष्णु जी की उपासना से सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं। सुबह मन्दिर में भगवान विष्णु जी के दर्शन के बाद दिन भर उपवास में उनकी उपासना की जाती है। आज संकल्प करें कि हम धार्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। अच्छे मार्ग पर चलेंगे। सायंकाल भोजन वो भी फलाहार व्रत रखते हैं।श्री कृष्ण उपासना करें। आपका भोजन फलाहारी हो। कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान कराएं। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। भगवान का संकीर्तन करें। पितृ पक्ष में नियमित पितरों का श्राद्ध करें । गाय को रोटी,गुड़ व भोजन दें।कौवे को नित्य भोजन दें।श्राद्ध पक्ष में नियमित तर्पण करें व तिथि के दिन श्राद्ध अवश्य करें। पिता ,माता ,गुरु व बड़े भाई का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। गीता का नियमित पाठ अत्यंत लाभ करेगा। आज विष्णु जी के मन्दिर में उनको तुलसी दल अर्पित करें तथा के विग्रह की 04 परिक्रमा करें।
क्या न करें-पुरखों का श्राद्ध अवश्य करें।विहंगों व कौए को भोजन -पानी देना मत भूलें।
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