28 October 2024 Panchang: कल मनाई जाएगी रमा एकादशी और गोवत्स द्वादशी, जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल समय

28 October 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 28 तारीख को रमा एकादशी और गोवत्स द्वादशी मनाई जाएगी। सनातन धर्म में इन दोनों ही त्योहारों का विशेष महत्व माना जाता है। यहां आप जानेंगे 28 तारीख के शुभ-अशुभ मुहूर्त पंचांग अनुसार।

28 October 2024 Panchang

28 October 2024 Panchang

28 October 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 28 तारीख को रमा एकादशी मनाई जाएगी। ये तिथि 27 अक्टूबर की सुबह 05:23 से 28 अक्टूबर की सुबह 07:50 तक रहेगी। वहीं इस दिन गोवत्स द्वादशी व्रत भी रखा जाएगा। नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी 03:25 pm तक फिर उत्तराफाल्गुनी लग जाएगा। चंद्र देव 10:12am तक सिंह राशि में रहेंगे और इसके बाद कन्या में प्रवेश कर जाएंगे। जानिए 28 अक्टूबर का पूरा पंचांग।

Dhanteras 2024 Muhurat Time In Hindi Live

28 अक्टूबर 2024 पंचांग (28 October 2024 Panchang)

संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081 माह-कार्तिक ,कृष्ण पक्ष

तिथि- एकादशी 07:51 am तक फिर द्वादशी,व्रत-द्वादशी व सोमवार व्रत,

दिन- सोमवार

सूर्योदय-06:25am

सूर्यास्त-05:58 pm

नक्षत्र-- पूर्वाफाल्गुनी 03:25 pm तक फिर उत्तराफाल्गुनी

चन्द्र राशि -- सिंह,स्वामी ग्रह -सूर्य 10:12am तक फिर कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध

सूर्य राशि- तुला,स्वामी ग्रह-शुक्र

करण- बालव 07:51am तक फिर कौलव

योग- ब्रम्ह 06:49 am तक फिर इंद्र

28 अक्टूबर 2024 शुभ मुहूर्त (28 October 2024 Shubh Muhurat)

अभिजीत-11:53 am से 12:35 pm तक

विजय मुहूर्त-02:21pm से 03:25 pm तक

गोधुली मुहूर्त--06:21pm से 07:24 pm तक

ब्रम्ह मुहूर्त-4:05m से 05:08am तक

अमृत काल-06:04am से 07:41am तक

निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:43से 12:22तक रात

संध्या पूजन-06:22 pm से 07:03pm तक

दिशा शूल -पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त--राहुकाल--प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 तक

क्या करें- आज कार्तिक माह की पुण्यदायिनी द्वादशी तिथि सोमवार का पावन दिवस है। पवित्र सोमवार के दिन भगवान शिव जी के पूजा हेतु सुंदर व्रत करें। माता दुर्गा जी की उपासना भी आज की जाती है। जीवन को प्रसन्नमय व उन्नतिशील करने के लिए रुद्राभिषेक करें। शिव निराकार व साकार दोनों हैं। वह पालनहार हैं। उनके आशीर्वाद के लिए लोग व्रत रहेंगे। फलाहार व्रत व भगवान शंकर -माता पार्वती पूजा की जाती है। यह व्रत करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं तथा उम्र लंबी होती है। मनोवांछित सफलता की प्राप्ति व आर्थिक उन्नति के लिए शिवपुराण का पाठ करें।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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