3 October 2024 Panchang: पंचांग से जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल

3 October 2024 Panchang: आज के दिन शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन कलश स्थापना की जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि पंचांग के अनुसार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या होगा।

3 October 2024 Panchang

3 October 2024 Panchang

3 October 2024 Panchang (3 अक्तूबर 2024 आज का पंचांग): आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस दिन कलश स्थापना की जाएगी। आज के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 13 मिनट पर होगा। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:46 AM से 12:33 PM तक रहेगा। इस मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं। राहुकाल का समय 01: 30 बजे से सायंकाल 03 बजे तक रहेगा। आइए जानें आज का पूरा पंचांग

नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त 2024 (Navratri Kalash Sthapana Muhurat 2024)

  • नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2024 06:15 AM से 07:22 AM
  • घटस्थापना अभिजित मुहूर्त 11:46 AM से 12:33 PM
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ 03 अक्टूबर 2024 को 12:18 AM बजे
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त 04 अक्टूबर 2024 को 02:58 AM बजे
  • कन्या लग्न प्रारम्भ 03 अक्टूबर 2024 को 06:15 AM बजे
  • कन्या लग्न समाप्त 03 अक्टूबर 2024 को 07:22 AM बजे

3 October 2024 Panchang (3 अक्तूबर 2024 आज का पंचांग)

संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-आश्विन शुक्ल पक्ष
तिथि- प्रतिपदा, व्रत- नवरात्र प्रथम दिवस
दिवस-गुरुवार
सूर्योदय-06:13am
सूर्यास्त-06:09pm
नक्षत्र-चित्रा
चन्द्र राशि -तुला राशि,स्वामी ग्रह-शुक्र
सूर्य राशि- कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध
करण= शकुनि
योग:- शुक्ल
शुभ मुहूर्त
1अभिजीत-11:52 am से 12:35 pm तक
2विजय मुहूर्त-02:22pm से 03:23 pm तक
3गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:23 pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:04m से 05:05am तक
5अमृत काल-06:08am से 07;43am तक
6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:41से 12:20तक रात
संध्या पूजन-06:26 pm से 07:05pm तक
दिशा शूल -दक्षिण दिशा । इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल- 01: 30 बजे से सायंकाल 03 बजे तक
क्या करें-आज से नवरात्रि आरम्भ है। आज प्रतिपदा अर्थात प्रथम दिवस है। 09 दिन तक माता दुर्गा की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। माता के 32 व 108 नाम का जप करें। सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ पुण्यदायी है। नवरात्र व्रत का पुण्य अखण्ड है,इस व्रत से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु संकल्प करके दुर्गासप्तशती का पाठ करें या कराएं। बेहतर है कि माता दुर्गा की भक्ति मांगे। यह स्थायी है। भक्ति जन्म जन्मांतर काम आती है।
क्या न करें-माता की किसी भी बात की अवज्ञा मत करें।
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सुजीत जी महाराज author

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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