30 August 2024 Panchang: पंचांग से जानिए अजा एकादशी व्रत का पारण समय, राहुकाल समय और दिन के अन्य शुभ-अशुभ मुहूर्त

30 August 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 30 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन अजा एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। यहां जानिए अजा एकादशी व्रत खोलने का मुहूर्त समेत पूरा पंचांग।

30 August 2024 Panchang

30 August 2024 Panchang

30 August 2024 Panchang: 30 अगस्त को अजा एकादशी व्रत का पारण (Aja Ekadashi Vrat Parana Time 2024) किया जाएगा। इस दिन द्वादशी तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र और व्यतीपात योग रहेगा। राहुकाल सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। तो वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11:52 से दोपहर 12:37 बजे तक रहेगा। यहां आप जानेंगे 30 अगस्त का पूरा पंचांग शुभ मुहूर्त और अजा एकादशी व्रत के पारण समय के साथ।

Hartalika Teej Puja Vidhi

अजा एकादशी व्रत पारण समय 2024 (Aja Ekadashi Vrat Parana Time 2024)

अजा एकादशी व्रत का पारण समय 30 अगस्त की सुबह 07 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 07 बजकर 49 मिनट का है।

30 अगस्त 2024 पंचांग (30 August 2024 Panchang)

संवत- पिङ्गला विक्रम संवत 2081

माह-भाद्रपद ,कृष्ण पक्ष

तिथि-द्वादशी

व्रत व पर्व- वैभव लक्ष्मी व्रत

दिवस-शुक्रवार

सूर्योदय-05:45am

सूर्यास्त-06:50pm

नक्षत्र- पुनर्वसु 06 pm तक फिर पुष्य

चन्द्र राशि-मिथुन 11:29 am तक फिर कर्क

सूर्य राशि-सिंह

करण-कौलव 02 pm तक फिर तैतिल

योग- व्यतिपात 05:50 pm तक तत्पश्चात वरियान

30 अगस्त 2024 शुभ मुहूर्त (30 August 2024 Shubh Muhurat)

अभिजीत-11:52am से 12:37 pm

विजय मुहूर्त-02:20pm से 03:26 pm तक

गोधुली मुहूर्त--06:28pm से 07:23 pm तक

ब्रम्ह मुहूर्त-4:06m से 05:07am तक

अमृत काल-06:05am से 07:53am तक

निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:51 से 12:43तक रात

संध्या पूजन-06:21 pm से 07:06pm तक

दिशा शूल- उत्तर दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त--राहुकाल--प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक

क्या करें-क्या ना करें- आज वैभव लक्ष्मी का महान व्रत है। श्री विष्णु जी की उपासना का पवित्र दिवस है। भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी जी की उपासना व व्रत का नियम पूर्वक करने से कई जन्म के पापों का नाश होता है। किसी भी ग्रह जनित कष्ट का उपाय भी एकादशी व्रत से कर सकते है, अन्न का दान करें। आचरण शुद्ध हो।खान पान पर ध्यान दें। सात्विक रहें। श्री विष्णु नाम जप व संकीर्तन करें। पूर्व जन्म के पापों के शमन के लिए आज बहुत पवित्र तिथि है। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।ऋग्वैदिक श्री सूक्तम की 16 ऋचाओं का जप करें। पत्नी का निरादर मत करें।जीवन साथी को सम्मान व प्रेम देने तथा उससे मीठा बोलने से शुक्र जीवन में धन की वृद्धि करते हैं।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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