30 June 2024 Panchang: जून के आखिरी दिन बनेगा शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें अभिजीत मुहूर्त से लेकर राहुकाल तक की पूरी जानकारी

30 June 2024 Panchang: पंचांग अनुसार रविवार के दिन आषाढ़ कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। जानिए आज का पूरा पंचांग।

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30 June 2024 Panchang

30 June 2024 Panchang: जून का आखिरी दिन बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग जो बन रहा है। ये योग किसी भी काम को करने के लिए शुभ माना जाता है। पंचांग अनुसार ये योग सुबह 07:34 बजे से 1 जुलाई की सुबह 05:27 बजे तक रहेगा। इसके अलावा राहुकाल की बात करें तो वो आज शाम 04:30 बजे से 06 बजे तक रहेगा। अब जानिए आज का पूरा पंचांग।

कालसर्प दोष के उपाय

30 June 2024 Panchang (30 जून 2024 पंचांग)

संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081

माह-आषाढ़ ,कृष्ण पक्ष

तिथि- नवमी

व्रत-नवमी व्रत 12:20pm तक फिर दशमी

दिन-रविवार

सूर्योदय-05:23am सूर्यास्त-07:25pm

नक्षत्र- रेवती 07:35am तक पुनः अश्वनी

चन्द्र राशि- मीन 07:35am तक फिर मेष

सूर्य राशि- मिथुन ,स्वामी -बुध

करण-गरज12:20am तक फिर वणिज

योग- अतिगण्ड 04:15am तक तत्पश्चात सुकर्मा

30 June 2024 Shubh Muhurat (30 जून 2024 पंचांग)

अभिजीत- 11:53am से 12:44 pm

विजय मुहूर्त- 02:24pm से 03:26 pm तक

गोधुली मुहूर्त- 06:39 pm से 07:09 pm तक

ब्रम्ह मुहूर्त-4:10am से 05:09am तक

अमृत काल-06:09am से 07:56am तक

निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:50 से 12:43 तक रात

संध्या पूजन-06:52 pm से 07:43pm तक

दिशा शूल -पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त--राहुकाल -सायंकाल 04:30 बजे से 06 बजे तक

क्या करें-सूर्य भगवान जी के निमित्त रविवार का व्रत रहें। भास्कर देव जी की पूजा करें। उनको जल, पुष्प व गुड़ अर्पित करें व उनकी उपासना करें। हनुमान जी के गुरु सूर्य देव हैं। मन्दिर में हनुमान जी का दर्शन करें, आज व्रत बहुत ही फलदायी है। धार्मिक पुस्तकों सहित गुड़ के दान का बहुत महत्व है। उपवास फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा। मन्दिर में प्रसाद अर्पित करें। भगवान सूर्य के नाम का निरन्तर मानसिक जप करते रहें। धार्मिक सतसंग करें। किसी भी मंदिर परिसर में आम व शमी का पेड़ लगाएं। गर्मी में जल व मिठाई दान का भी बहुत महत्व है। हनुमान बाहुक का पाठ करें। मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं। गो माता को पालक व गुड़ खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। नीले वस्त्र का दान करें। उपासना मन से करें व सूर्य के बीज मंन्त्र का जप करें। स्वास्थ्य सुख में वृद्धि के लिए सप्तअन्न का दान करें। मन्दिर में हनुमान को फल व लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें। मधु व गंगा जल को शिवलिंग पर अर्पित करें। श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का 03 पाठ करें।

क्या न करें- सूर्य पिता का कारक ग्रह है। पिता की किसी भी बात की अवज्ञा मत करें।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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