Aaj Ka Panchang 4 August 2024: पंचांग से जानिए हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, प्रदोष काल और अभिजित मुहूर्त
4 August 2024 Panchang: पंचांग अनुसार 4 अगस्त को श्रावण मास की अमावस्या तिथि है। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दान-पुण्य के कार्य करने का विशेष महत्व माना जाता है। जानिए 4 अगस्त का पूरा पंचांग।
Aaj Ka Panchang 4 August 2024
4 August 2024 Panchang: इस दिन हरिलायी अमावस्या मनाई जाएगी। इस अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इससे समस्त पाप धुल जाते हैं। इस साल हरियाली अमावस्या पर रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। जिस वजह से इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। इसके अलावा इस दिन पुष्य नक्षत्र दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र लग जाएगा। अब जानिए पूरा पंचांग।
Hariyali Amavasya 2024 Puja Vidhi
04 अगस्त 2024 का पंचांग (4 August 2024 Panchang)
संवत- पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह- श्रावण ,कृष्ण पक्ष
तिथि- अमावस्या
व्रत- श्रावण अमावस्या
दिवस-रविवार
सूर्योदय-05:44am
सूर्यास्त-07:10pm
नक्षत्र- पुष्य 01:30pm तक फिर आश्लेषा
चन्द्र राशि- कर्क,स्वामीग्रह-चन्द्रमा
सूर्य राशि- कर्क ,स्वामी -चन्द्रमा
करण-नागव 04:42pm तक फिर किस्तुधन
योग- सिद्धि 10:39am तक फिर व्यतिपात
4 अगस्त 2024 शुभ मुहूर्त (4 August 2024 Shubh Muhurat)
अभिजीत- 11:55am से 12:47 pm
विजय मुहूर्त- 02:24pm से 03:27 pm तक
गोधुली मुहूर्त-06:34 pm से 07:24 pm तक
ब्रम्ह मुहूर्त- 4:08m से 05:09am तक
अमृत काल- 06:09am से 07:53am तक
निशीथ काल मुहूर्त- रात्रि 11:55से 12:43तक रात
संध्या पूजन-06:22 pm से 07:23pm तक
दिशा शूल-पूर्व दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
4 अगस्त 2024 अशुभ मुहूर्त- राहुकाल--प्रातःकाल 09 बजे से 10:30 बजे तक
क्या करें-क्या ना करें- अमावस्या का व्रत करें। अमावस्या में सूर्य व चन्द्रमा एक ही राशि में रहते हैं। कुशोदक से शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें। घर मे नर्मदेश्वर या पारद शिवलिंग रखें व उनकी उपासना करें। श्रावण माह में भगवान शिव व माता दुर्गा जी को प्रसन्न करना सहज भक्ति भाव से ही आसान हो जाएगा। आज बहुत पवित्र तिथि है। श्रावण बहुत पावन माह है। दिन भर व्रत रहें। भगवान शिव जी की उपासना करें। शिवलिंग की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ भी करें। फलों का दान करे।शिव मंदिर परिसर में बरगद, पीपल व बेल का पेड़ लगाएं। आज रुद्राभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त होते हैं। आज रुद्राभिषेक करने से धन, सम्पदा व ऐश्वर्य का सुआगमन होता है। श्रावण माह में मास परायण करें। मतलब एक माह में सम्पूर्ण श्री रामचरितमानस का पाठ पूर्ण कर तत्पश्चात हवन करें। सूर्य के द्रव्य मसूर व गुड़ के दान का बहुत महत्व है। अमावस्या में बंगलामुखी उपासना करें। क्रोध से बचें।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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