5 July 2024 Panchang: आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या होगा पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, यहां जानें पूरा पंचांग
5 July 2024 Panchang: 5 जुलाई 2024 को आषाढ़ मास की अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर होगा। वहीं सूर्यास्त का समय 7 बजकर 23 मिनट पर होगा। अब यहां पढ़ें पूरा पंचांग।
5 July 2024 Panchang
5 July 2024 Panchang In Hindi : आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि पर आद्रा नक्षत्र रहने वाला है। आषाढ़ महीने की अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहते हैं। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट पर रहेगी। इस दिन संध्याकाल की पूजा का समय 6 बजकर 49 मिनट से लेकर शाम के 7 बजकर 41 मिनट पर रहेगा। आज के दिन राहुकाल का समय प्रातःकाल 10:30बजे से दोपहर 12 बजे तक रहने वाला है। अब पढ़िए आज का पूरा पंचांग।
5 July 2024 Panchang In Hindi (आज का पंचांग 5 जुलाई 2024)
संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह-आषाढ़ ,कृष्ण पक्ष
तिथि-अमावस्या
व्रत- दर्श अमावस्या व्रत
दिवस-शुक्रवार
सूर्योदय-05:24am
सूर्यास्त-07:23pm
नक्षत्र-आद्रा
चन्द्र राशि- मिथुन,स्वामी-बुध
सूर्य राशि- मिथुन ,स्वामी -बुध
करण-चतुष्पद04:39pm तक फिर नागव
योग- ध्रुव
शुभ मुहूर्त1अभिजीत-11:53am से 12:45 pm
2विजय मुहूर्त-02:24pm से 03:27 pm तक
3गोधुली मुहूर्त--06:35 pm से 07:08 pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:11am से 05:08am तक
5अमृत काल-06:08am से 07;57am तक
6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:53 से 12:43 तक रात
संध्या पूजन-06:49 pm से 07;41pm तक
दिशा शूल -पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
अशुभ मुहूर्तराहुकाल -प्रातःकाल 10:30बजे से दोपहर 12 बजे तक
क्या करें- दर्प अमावस्या का पावन व्रत रहें। मन्दिर में भगवान शिव जी की पूजा करें। उनको मधु,दही,गंगा जल व बेलपत्र अर्पित करें व उनकी उपासना करें। भगवान शिव कल्याणकारी हैं। अमावस्या व्रत बहुत ही फलदायी है। धन व यश प्राप्ति के लिए माता काली जी की उपासना बहुत उत्तम है। आज तिलदान का बहुत महत्व है। उपवास निराजल ,फलाहार या जैसा आपका स्वास्थ्य हो, वैसा ही होगा। काली मन्दिर में प्रसाद अर्पित करें।बंगलामुखी अनुष्ठान का आज बहुत महत्व है। माता पीतांबरा का दर्शन करें। किसी भी शिव मंदिर परिसर में पाकड़ ,आम , बेल व पीपल का पेड़ लगाएं। इस गर्मी में जल व मिठाई दान का भी बहुत महत्व है।शिवपुराण का पाठ करें। काली मन्दिर में भंडारा भी करवा सकते हैं।गो माता को पालक व गुड़ खिलाएं। चिड़ियों को दाना पानी दें। अन्न का दान करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। स्वास्थ्य सुख में वृद्धि के लिए तुला दान करें। भगवान के नाम के जप से कई जन्मों के पापों का शमन होता है। अमावस्या के दिन भैरो उपासना का बहुत महत्व है। बटुक भैरव पूजा करें।
क्या न करें-क्रोध से बचें।
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